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Chandra Pahad

by Vibhutibhushan Bandhyopadhyay

Chandra Pahad is the creation of the famous Bengali storyteller Vibhutibhushan Bandhyopadhyay. Sahitya Akademi for the first time presents a unique story of the daring teenager.

Chandrakanta

by Devki Nandan Khatri

A book which compelled and drove the imagination of a generation and brought Hindi to the forefront, Chandrakanta is first work of prose in modern Hindi language.

Chardiwari: चारदीवारी

by Deepa Mehta

नारी का जीवन एक अनंत यात्रा है। नारी की इसी अनकही जीवन यात्रा को शब्दों में समेटने का प्रयास है, प्रस्तुत लघु कथा संग्रह - चारदीवारी। नारी के बचपन, किशोरावस्था, युवावस्था, वृद्धावस्था के मूक क्षणों की आवाज है प्रस्तुत लघु कथाएं। नारी जीवन के कुछ अनदेखे - अनछुए पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता प्रस्तुत लघु कथा संग्रह नारी के दुख, बैचेनी, परेशानियां, रोष, शिकायतों का पुलिंदा मात्र नहीं है। मां, पत्नी, बेटी आदि अनेकों भूमिकाओं को निभाती दृश्य - अदृश्य चारदीवारी में कैद भिन्न-भिन्न पहचान, शैक्षिक स्थिति, आयु वर्ग की नारी के रोजमर्रा के जीवन से संबंधित है यह लघु कथाएं। नारी की पहचान, समानता, ख्वाहिशों, सपनों, संबंधों, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़, लैंगिक उत्पीड़न, प्रजनन, स्वास्थ्य, मातृत्व, बॉडी इमेज आदि महत्वपूर्ण मुद्दों से संबंधित यह विचारोत्तेजक लघु कथाएं प्रस्तुत है, पाठकों के अवलोकन और विचारमंथन के लिए। इस आशा के साथ कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में यह प्रयास जनमानस की मानसिकता को बदल नारी जीवन में परिवर्तन की एक नई बयार ला पाने में सफल होगा…।

Charitraheen

by Sharat Chandra Chatopadhyay

The novel is set in Bengali society of the early 1900's and has four main women characters, two are the ones on whom the accusation of being charitraheen (of loose character) is made. Kiranmayi is the most striking character of the novel. Young and extremely beautiful, very intelligent and argumentative. She surprises and impresses all the three main men in the novel - Satish, Upendra and Diwakar - but her life is ultimately reduced to a shambles by these unthinking men. The three men play very important roles in the lives of the four women, but most of the time, their actions are detrimental to the women. They are orthodox, unthinking, and not in control of their emotions. There is a redemption of all the women in the end but wrong done to the women cannot be righted just like that, even if the women themselves feel so.The depiction of orthodox Hindu society in conflict with Western thoughts brought in by British rule is good. The character sketches are the best part, and their emotions, swinging from one end of the spectrum to the other, make for thoughtful reading.

Charitraheen

by Sharat Chandra Chattopadhyay

Set in Bengali society of the early 1900's this novel is a depiction of orthodox Hindu society in conflict with Western thoughts brought in by British rule is good.

Charkhi Ka Beta

by Pulak Vish‍vaas Vinayak

Submit story "Charkhi Ka Beta" is written by Vinayak and Pulak Vishvaas. Vinayak writes stories focused on the forest and the animals. Presented in the story is the story of a lion and wolves.

Chatpat Bandar aur Pencil

by Lalita Bava

‘चटपट बंदर’एक शरारती बंदर की कहानी है। उसे कमरे की खिड़की में छोटे बच्‍चे की पेंसिल रखी मिलती है। चटपट पेंसिल उठा लेता है। वह पेंसिल की मदद से सभी जानवरों को परेशान करता है। मधुमक्खियों के काटने पर दर्द से परेशान होता है और मां के कहने पर पेंसिल को वापस खिड़की में रख देता है। "Chatpat Bandar” is the story of a mischievous monkey. Once he found a pencil in the window of a room where a child had kept his pencil. He started troubling its friends - rabbit, squirrel, bear, elephant using pencil. In the end when bees bites the monkey, he troubled by pain and the insistence of his mother puts pencil back to the window.

Chausar - The Game of Death: चौसर - द गेम ऑफ डेथ

by Jitender Nath

मुम्बई महानगर। न जाने कितने रहस्यों को अपने अंदर समेटे हुए सपनों का शहर। जब इंस्पेक्टर सुधाकर शिंदे एक कम्पनी के लापता हुए लोगों की तलाश में मुम्बई में निकला तो फिर शह और मात का एक ऐसा खेल शुरू हुआ जिसमें हर खिलाड़ी सिर्फ जीतना चाहता था। जिन्दगी और मौत के बीच बिछी चौसर की बिसात पर अपने कर्तव्य-पथ पर बढ़ते वीरों की हैरतअंगेज दास्तान…

Chhatrapati Shivaji (Parisar Adhyayan Bhag-2) class 4 - Maharashtra Board: छत्रपति शिवाजी (परिसर अध्ययन भाग-२) ४थीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड

by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune

“छत्रपति शिवाजी” यह पुस्तक, महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्मिती व अभ्यासक्रम संशोधन मंडळ द्वारा तैयार किया गया है, पर्यावरण अध्ययन भाग 2 के अंतर्गत छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रेरणादायक इतिहास को सरल और प्रभावी शैली में प्रस्तुत करने का प्रयास करती है। शिवाजी महाराज का जीवन और उनके कार्य पूरे महाराष्ट्र और देश के लिए प्रेरणास्रोत हैं। इस पुस्तक में उनके व्यक्तित्व से जुड़ी कई प्रेरणादायक घटनाओं को सम्मिलित किया गया है। सामाजिक संगठनों, संस्थानों और व्यक्तियों से प्राप्त शिकायतों और सुझावों की सही जांच के बाद इस पुस्तक का पुनर्लेखन किया गया और आवश्यकतानुसार उचित परिवर्तन भी किए गए हैं।

Chhattisgarh Bharati class 6 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: छत्तीसगढ़ भारती कक्षा 6 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

छत्तीसगढ़ भारती पाठ्यपुस्तक कक्षा 6 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में ज्यादा तर जिन विचारों और मानवीय मूल्यों पर अधिक बल दिया गया है उनमें से कुछ हैं - राष्ट्रीय एकता, पारस्परिक सद्भाव, सामाजिक सहयोग, श्रम का महत्व, समय-पालन, साहस, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्रीय एवं राज्यीय संस्कृति का ज्ञान, सभी धर्मों के प्रति आदर भाव आदि । इनके साथ ही प्रकृति-सौन्दर्य, राष्ट्रीय एकता, लौकिक नीति, वात्सल्य तथा कर्तव्य-भावना से परिपूर्ण कविताएँ इस संकलन में समाविष्ट हैं।

Chhattisgarh Bharati class 7 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: छत्तीसगढ़ भारती कक्षा 7 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

छत्तीसगढ़ भारती पाठ्यपुस्तक कक्षा 7 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक भाषा शिक्षण का मूल उद्देश्य है- सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना, व्यावहारिक व्याकरण का ज्ञान, भाषा प्रयोग तथा सृजनात्मकता का विकास करना। इस पुस्तक में इन सभी उद्देश्यों की प्राप्ति का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक के द्वारा विद्यार्थियों को साहित्य की विभिन्न विधाओं - निबंध, कहानी, कविता, पत्र, आत्मकथा, एकांकी आदि से परिचित कराया है। साहित्य की इन विधाओं का परिचय उनकी अभिरुचि को परिष्कत करके उनको श्रेष्ठ साहित्य के अध्ययन की ओर प्रेरित करेगा, इस पुस्तक में जिन विचारों और मानवीय मूल्यों पर अधिक बल दिया गया है उनमें पारस्परिक सद्भाव, सामाजिक सहयोग, साहस, पर्यावरण चेतना को विशेष स्थान दिया गया है।

Chhattisgarh Bharati class 8 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: छत्तीसगढ़ भारती कक्षा 8 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

Chhattisgarh Bharati text book for 8th standard from Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad, Raipur, C.G. in Sankrit.

Chhattisgarh Bharati class 8 - SCERT Raipur - Chhattisgarh Board: छत्तीसगढ़ भारती ८वीं कक्षा - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

छत्तीसगढ़ राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् की नई किताब बनाने का उद्देश्य बच्चों को स्वतंत्र और जिज्ञासु पाठक बनाना है। परिषद् की पुस्तकों ने यह भी रेखांकित किया है कि भाषा सीखने-सिखाने का दायित्व सिर्फ भाषा की पुस्तक का ही नहीं है वरन् अन्य विषयों की भी इसमें भूमिका है। कक्षा 8वीं में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के लिए इस पुस्तक को विषय 'हिन्दी - छत्तीसगढ़ भारती' में सहायक पुस्तक के रूप में स्वीकृत किया गया है, इससे बच्चों में पठन, वाचन, तर्क एवं चिंतन क्षमता विकसित होगी। सामाजिक अध्ययन, विज्ञान व गणित की पुस्तकों को पढ़कर समझने के प्रयास से, स्वतंत्र व समृद्ध पाठक बनाना संभव होता है। पाठ्यपुस्तकों के अलावा विद्वानों द्वारा रचित साहित्य, अन्य प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखी सामग्री के साथ-साथ बच्चों के लिए अन्य कहानी, कविता, नाटक आदि की पुस्तकों की भी एक महत्वपूर्ण भूमिका है। बच्चों के अनेक स्वाभाविक अनुभवों के बारे में सोचना, उनका गहराई से विश्लेषण करना व इन सबको एक-दूसरे से बाँटना न सिर्फ भाषायी समझ बढ़ाता है वरन् कई और महत्वपूर्ण क्षमताएँ भी प्रदान करता है। कक्षा आठवीं में पढ़नेवाले बच्चों के भाषायी ज्ञान को और समृद्ध बनाना है। इसमें समझने व अभिव्यक्त करने, दोनों तरह की क्षमताएँ शामिल हैं। अच्छे लेखकों, कवियों और साहित्यकारों द्वारा लिखी कहानी, कविता, निबंध, नाटक आदि साहित्य की विधाएँ तो हैं ही, साथ ही-साथ ऐसी पुस्तकें सोचने-समझने के तरीकों को भी समृद्ध बनाती हैं। इन सभी की पढ़ने में रुचि पैदा करना ही एक प्रमुख लक्ष्य है। ज्यादातर भाषा-शिक्षण व साहित्य का उद्देश्य बच्चे के विकास व समाज के साथ उसके संबंध को गहरा करना व उसके सोचने व जीवन दर्शन को वृहद् करना है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए यह आवश्यक है कि बच्चे अच्छे साहित्य को पढ़ें-लिखें और उस पर बातचीत करें। बच्चों का पुस्तक की सामग्री के साथ संबंध गहरा हो, उनके बीच एक सतर्क पाठक का रिश्ता बने। इसके लिए वे पाठों पर आधारित नए प्रश्न बनाएँ व अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर सामग्री में प्रस्तुत विचारों पर टिप्पणी करें।

Chhote Poudhe Bade Poudhe

by K. S. Sekharam

क.स. सेखाराम दवारा रचित यह पुस्तक पेड़ और पौधो की कहानी पर आधारित है। इस कहानी में पेड़ पौधो के गुणों को कहानी के माध्यम से बताया गया है। This book written by K.S.Sekharam, is based on the story of Plants and trees. The properties of Plants have been told through the story.

Chhotechacha ab aapke Shahar mein

by Vandana Singh Amit Mahajan

In a small town in northern India, three siblings await their father's youngest brother. They have heard many stories about Younguncle, so when he arrives, nine-year-old Sarita, seven-year-old Ravi, and the babyknow their lives will be changed. From feedinga tiger spinach-paneer to charming an angry tree ghost,Younguncle's adventures are as humorous and unusual as he is. Peppered with black-and-white illustrations, this entertaining chapter book was originally published to great acclaim in the author's native India.

Chhupa Dhan

by Rabindranath Tagore

This book is about the story of a person who finds the note for the treasure. How and what happens with him when he finds the treasure.

Chhupa Rustam

by Melanie Sekera

एक काले बिलाव और नन्‍हीं चुहिया की कहानी, जो बच्‍चों को कभी हँसाएगी तो कभी आश्‍चर्य में डाल देगी।The story of a black cocktail and a nog, which will never make the children laugh, will ever put them in surprise.

Chinta: चिंता

by Dada Bhagwan

चिंता से काम बिगड़ते हैं, ऐसा कुदरत का नियम है। चिंता मुक्त होने से सभी काम सुधरते हैं। पढ़े-लिखे खाते-पीते घरों के लोगों को अधिक चिंता और तनाव हैं। तुलनात्मक रूप से, मज़दूरी करनेवाले, चिंता रहित होते हैं और चैन से सोते हैं। उनके ऊपरी (बॉस) को नींद की गोलियाँ लेनी पड़ती हैं। चिंता से लक्ष्मी भी चली जाती है। दादाश्री के जीवन का एक छोटा सा उदाहरण है। जब उन्हें व्यापार में घाटा हुआ, तो वे किस तरह चिंता मुक्त हुए। “एक समय, ज्ञान होने से पहले, हमें घाटा हुआ था। तब हमें पूरी रात नींद नहीं आई और चिंता होती रहती थी। तब भीतर से उत्तर मिला की इस घाटे की चिंता अभी कौन-कौन कर रहा होगा? मुझे लगा कि मेरे साझेदार तो शायद चिंता नहीं भी कर रहे होंगे। अकेला मैं ही चिंता कर रहा हूँ। और बीवी-बच्चे वगैरह भी हैं, वे तो कुछ जानते भी नहीं। अब वे कुछ जानते भी नहीं, तब भी उनका चलता है, तो मैं अकेला ही कम अक्लवाला हूँ, जो सारी चिंताएँ लेकर बैठा हूँ। फिर मुझे अक्ल आ गई, क्योंकि वे सभी साझेदार होकर भी चिंता नहीं करते, तो क्यों मैं अकेला ही चिंता किया करूँ?” चिंता क्या है? सोचना समस्या नहीं है। अपने विचारों में तन्मयाकर हुआ कि चिंता शुरू। ‘कर्ता’ कौन हैं, यह समझ में आ जाए तभी चिंता जाएगी।

Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo: चिंता छोड़ो सुख से जियो

by Del Carnegi

जीवन में प्रत्येक व्यक्ति किसी-न-किसी चिंता से ग्रस्त है। चिंता कई प्रकार की होती है। जीवन है तो चिंता है। प्रत्येक चिंता का कोई-ना-कोई समाधान भी अवश्य होता है, लेकिन हम अपनी समस्याओं में इतना घिरे रहते हैं कि चिंता कर-करके परेशान होते रहते हैं। चिंता के साथ बहुत बुरी बात यह है कि यह हमारी एकाग्रता की शक्ति को खत्म कर देती है और स्वस्थ आदमी को भी बीमार बना सकती है। डॉ. अलेक्सिस कैरेल ने कहा था - 'जो चिंता से लड़ना नहीं जानते, वे जवानी में ही मर जाते हैं।' अगर आप चिंता रूपी कैंसर से बचना चाहते हैं, तो इस पुस्तक को अवश्य पढ़ें। इस पुस्तक में चिंता की समस्याओं का विश्लेशण कैसे करें और उन्हें कैसे सुलझायें, के व्यावहारिक जवाब दिए गए हैं। इन पर अमल करके आप न सिर्फ अपनी चिंता पर विजय पा सकते हैं, बल्कि खुश व स्वस्थ्य रहकर शांतिपूर्वक अपना जीवन भी जी सकते हैं। इस पुस्तक को पढ़े और चिंता पर विजय प्राप्त कर सुख से जीने का मूलमंत्र जानें। इससे पहले कि चिंता आपको खत्म करे, आप चिंता को खत्म कर दें...।

Chinta Chodo Sukh Se Jiyo - Novel: चिंता छोड़ो सुख से जियो - उपन्यास

by Dale Carnegie

प्रस्तुत पुस्तक ‘चिंता छोड़ो; सुख से जियो’ में सुप्रसिद्ध सेल्फ-हेल्प पुस्तकों के लेखक डेल कारनेगी ने अपने उन निजी अनुभवों को साझा किया है; जहाँ वे स्वयं अपने जीवन की परिस्थितियों से असंतुष्ट व परेशान थे। लेकिन समय के साथ उन्होंने अपने नजरिए को बदलकर सकारात्मक सोच को अपनाया। इस पुस्तक के माध्यम से पाठकों को एक खुशहाल और तनावमुक्त जीवन की राह के विभिन्न आयाम सुझाए हैं। इस पुस्तक में दिए गए कुछ क्रियात्मक सुझावों और नियमों को जीवन में अपनाने से कोई भी व्यक्ति अपना आज और आनेवाला कल ज्यादा खुशनुमा बना सकता है।

Chintan Ke Chano Me

by Mahatma Bhagwan Deen

This book will help people to live their daily lives with lots of positivity and will motivate them to think seriously about different issues.

Chiriyaghar ka Naai

by Pratibha Nath

‘चिड़ि‍यांघर का नाई’एक बदलू नाम के नाई की कहानी है जो चिड़ि‍याघर के सभी जानवरों के बाल काटता है। चिंम्‍पैजी द्वारा उसकी कैंची चुराकर शेर की पूंछ काट देने के कारण शेर बदलू नाई पर अपना गुस्‍सा निकालता है।

Chitra-Grive

by Dhangopal Mukherjee Talewar Giri

Take flight with Chitra-Grive, the passenger pigeon with a shimmery throat, his kind young master and Ghond, the wildlife expert, on their adventures in a village, across the Himalayas and to a battlefield in France. In this heartwarming, sometimes heartbreaking tale, soar through Chitra-Grive’s encounters with hawks and eagles, his quests with the swifts and a monk, and finally his heroic service as a bearer of messages filled with love and courage during the First World War.

Chitrakala class 11 - RBSE Board: चित्रकला 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

चित्रकला कक्षा 11 के विद्यार्थियों के लिखी गई पाठ्यपुस्तक प्रस्तुत करते हुए अत्यंत प्रसन्नता है । पुस्तक लेखन पाठ्यसामग्री संकलन में यह ध्यान रखा गया है कि हिंदी साहित्य की समृद्ध संपदा के राष्ट्रीय फलक से विद्यार्थियों को परिचित करवाते समय राजस्थान के आदर्श नायकों तथा रचनाकारों का व्यक्तित्व एवं कृतित्व भी विद्यार्थियों के समक्ष आए ताकि हमारे विद्यार्थी हिंदी की मुख्यधारा में राजस्थान के योगदान को रेखांकित करने में समर्थ बनें। छोटे कलेवर वाली इस पुस्तक में संकलित सामग्री एक संकेत मात्र है, जिसके माध्यम से विद्यार्थी इस दिशा में सोचना तथा इस राह पर अग्रसर होना शुरु करेंगे। निर्धारित पाठ्यक्रमानुसार पुस्तक के संपादन का गुरुत्तर दायित्व प्रदान करने हेतु माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर का आभार । इस पुस्तक में कला परिचय एवं विकास क्रम, चित्र के तत्त्व, संयोजन के सिद्धान्त, चित्र के माध्यम एवं तकनीक, सिन्धु सभ्यता के मूर्ति शिल्प, मौर्य, शुंग, कुषाण एवं गुप्तकालीन मूर्तिशिल्प, राजस्थान की मूर्तिकला और समकालीन भारतीय मूर्तिकला आदि के बारे में वर्णन किया गया है।

Chokher Bali: चोखेर बाली

by Ravindranath Tagore

रवीन्द्रनाथ टैगोर एशिया के पहले साहित्यकार थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार से नवाज़ा गया। उच्चकोटि के कवि होने के साथ उन्होंने कहानी, निबन्ध, यात्रा-वृत्तान्त और उपन्यास के क्षेत्र में भी साहित्य सृजन किया। उनका उपन्यास ‘चोखेर बाली' प्रेम, वासना, मित्रता और दाम्पत्य जीवन के ऊहा- पोह में फँसे बिनोदिनी और महेन्द्र, आशा और बिहारी की बड़ी ही मार्मिक कहानी है। मानवीय भावनाओं को अपने अनूठे शिल्प से उकेरते हुए लेखक ने बंगाल के तत्कालीन समाज का भी सजीव चित्रण प्रस्तुत किया है। वहीं इस उपन्यास में माँ राजलक्ष्मी और बेटे महेन्द्र के प्रेम को भी दर्शाया गया है और इसके साथ ही महेन्द्र की चाची अन्नपूर्णा की भी विशेष भूमिका रही है। उपन्यास में प्रेम, मित्रता की हृदय को छू लेने वाली वेदना से परिपूर्ण बातें पाठक के मन को अपनी ओर पूर्णरूपेण खींच लेने में सक्षम हैं।

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