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Yojana January 2022: योजना जनवरी 2022
by Yojana'योजना' के इस संग्रहणीय अंक में आज़ादी मिलने के बाद के इन 75 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में कड़े संघर्षो, कठिन चुनौतियों और महान सफलताओं की लंबी यात्रा की संक्षिप्त गाथा संजोने का प्रयास किया गया है । हम अपने लेखकों के प्रति आभारी हैं कि उन्होंने देश की अब तक की उपलब्धियों और भविष्य की उज्ज्वल संभावनाओं को उजागर करने का महत्वपूर्ण प्रयास किया है। अनाज की कमी से जझ रहे देश के असल का निर्यातक बनने, स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव की स्थिति से उबरकर महामारी के दौर में औषधियों और टीकों-वैक्सीन का वैश्विक आपूर्तिकर्ता देश बनने और अनेकानेक अन्य गौरवमयी उपलब्धियां प्राप्त करने की प्रेरणादायक गाथाएं इस अंक में भी समाहित की गई हैं।
Yojana January 2023: योजना जनवरी २०२३
by Yojanaयोजना जनवरी 2023 पत्रिका का संस्करण मोटा अनाज (मिलेट्स) पर केंद्रित है। पत्रिका में मोटे अनाजों का अंतरराष्ट्रीय वर्ष-2023, मोटा अनाज: हमारे देश की प्राचीन परम्परा, पूर्वोत्तर में मोटे अनाज की खेती, आहार में मोटा अनाज और मोटा अनाज: सेहत का खज़ाना जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।
Yojana January 2024: योजना जनवरी २०२४
by Yojanaयोजना जनवरी २०२४ पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस (कारोबार करने में सुगमता) हैं। योजना के इस संग्रहणीय अंक में, व्यवसायों पर अनुपालन बोझ को कम करने, अधिक निवेश आकर्षित करने और विश्वास-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने में जन विश्वास प्रावधानों का संशोधन अधिनियम की विशिष्टता का वर्णन किया गया है। उपर्युक्त विधायी प्रयास के माध्यम से, नियामक कठिनाइयों को संबोधित करके, पारदर्शिता को बढ़ावा देकर और डिजिटल परिवर्तन को प्रोत्साहित करके अधिक गतिशील और प्रतिस्पर्धी आर्थिक माहौल की स्थितियां बनाई गई हैं। हमें उम्मीद है कि विषय विशेषज्ञों और हितधारकों की अंतर्दृष्टि 'जन विश्वास' नामक इस अभूतपूर्व पहल के बारे में हमारे पाठकों की समझ को व्यापक बनाएगी, जो व्यापार सुगमता के परिदृश्य और देश की उद्यमशीलता की भावना को नया रूप देने के लिए तैयार है।
Yojana July 2022: योजना जुलाई 2022
by Yojanaयोजना जुलाई 2022 पत्रिका का संस्करण भारत में जनजातियाँ पर केंद्रित है। पत्रिका में अनुसूचित जनजातियों की कल्याण-नीति और जनजातियों के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ आदी विषयों पर चर्चा की गई है।
Yojana July 2023: योजना जुलाई २०२३
by Yojanaयोजना जुलाई 2023 पत्रिका का संस्करण सहकार से समृद्धि पर केंद्रित है। पत्रिका में सहकार से समृद्धि: योजना से उपलब्धि तक, प्रतिस्पर्धा के लिए सशक्त बनेंगी सहकारी समितियां और कृषि ऋण सहकारी समितियों को डिजिटलीकरण के माध्यम से सशक्त बनाना जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।
Yojana June 2022: योजना जून 2022
by Yojanaयोजना जून 2022 पत्रिका का संस्करण नए जमाने की तकनीक, नई प्रौद्योगिकियाँ पर केंद्रित है। पत्रिका में जिन विषयों पर चर्चा की गई है उनमें- प्रमुख आलेख, फोकस और विशेष आलेख हैं।
Yojana June 2023: योजना जून २०२३
by Yojanaयोजना जून 2023 पत्रिका का संस्करण भारत का विश्व को समग्र कल्याण का उपहार पर केंद्रित है। पत्रिका में आयुष: समग्र स्वाथ्य और आरोग्य जीवन का विज्ञान, वैश्विक कल्याण के लिए योग और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य में मेडिटेशन की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।
Yojana March 2022: योजना मार्च 2022
by Yojanaयोजना हिंदी मार्च 2022 इस अंक में मुख्य बिन्दु बजट 2022 है इस अंक में हाल ही में जारी हुए बजक के बारे में सम्पूर्ण जानकारी विस्तार से उपलब्ध कराई गयी है।
Yojana March 2023: योजना मार्च २०२३
by Yojanaयोजना मार्च 2023 पत्रिका का संस्करण केन्द्रीय बजट पर केंद्रित है। पत्रिका में भारत के अमृत काल की नींव, सहकारी राजकोषीय संघवाद की दिशा में, समावेशी और सशक्त भारत का मसौदा और सामाजिक क्षेत्र के लिए आवंटन: ठोस परिणाम के लिए प्रयास जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।
Yojana March 2024: योजना मार्च २०२४
by Yojanaयोजना मार्च २०२४ पत्रिका का संस्करण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु “डिजिटल युग में कला और संस्कृति” हैं। रचनात्मक अभिव्यक्तियों के सृजन, उपयोग और आदान प्रदान को डिजिटल युग ने फिर से परिभाषित किया है, कला और संस्कृति अज्ञात क्षेत्रों की तरफ धकेले जा रहे हैं। डिजिटल युग में सोशल मीडिया, वैश्वीकरण और प्रौद्योगिकी सभी तरह के अवसरों और कठिनाइयां पर असर डालते हैं। यह बहुत जरूरी हो जाता है कि हम डिजिटल युग द्वारा उठाए गए नैतिक और सांस्कृतिक मुद्दों को स्वीकार करें, साथ ही हम जिस गतिशील वातावरण से गुजर रहे हैं उसे देखते इसकी क्रांतिकारी क्षमता को समझना भी उतना ही महत्वपूर्ण हो जाता है। योजना के इस अंक के माध्यम से, हम उन प्रेरणाओं और सफलताओं की खोज करने के लिए निकले हैं जिन्होंने हमारे आधुनिक रचनात्मक परिदृश्य को नया आकार दिया है. हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि डिजिटल युग में कला और संस्कृति कैसे बदल रही है।
Yojana May 2022: योजना मई 2022
by Yojanaयोजना मैगज़ीन मई 2022 एक मासिक पत्रिका है, जिसमे केंद्र सरकार की योजनाओ के बारे में बताया गया है यह मैगज़ीन हर महीने जारी की जाती है, यह पत्रिका सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत जरूरी है।
Yojana May 2023: योजना मई २०२३
by Yojanaयोजना मई 2023 पत्रिका का संस्करण टेकेड पर केंद्रित है। पत्रिका में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नवाचार, 5जी युग में साइबर सुरक्षा की चुनौतियाँ और स्वाथ्य सेवाओं में सुधार के लिए पौद्योगिकी का इस्तेमाल जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।
Yojana November 2023: योजना नवम्बर २०२३
by Yojanaयोजना नवम्बर 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में जी20: पृथ्वी, लोग, शांति और समृद्धि के लिए और भारत का बढ़ता प्रभाव: जी20 शिखर सम्मेलन ने भारत को विश्व मंच पर स्थापित किया आदि प्रमुख बिंदु हैं।
Yojana October 2022: योजना अक्टूबर २०२२
by Yojanaयोजना अक्टूबर 2022 पत्रिका का संस्करण हमारा पारिस्थितिकी तंत्र पर केंद्रित है। पत्रिका में प्राणी विविधता, भूवैज्ञानिक अन्वेषण और महासागर के जीवों और संसाधनों को सहेजना आवश्यक जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।
Yojana October 2023: योजना अक्टूबर 2023
by Yojanaयोजना अक्टूबर 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु आधारभूत संरचना हैं।
Yojana September 2022: योजना सितम्बर २०२२
by Yojanaयोजना सितम्बर 2022 पत्रिका का संस्करण जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर केंद्रित है। पत्रिका में प्रमुख आलेख जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ बनता माहौल, विशेष आलेख फ़िल्मांकन की पसंदीदा जगह और निवेश को प्रोत्साहन जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।
Yun Hi Nahin Ban Jata Koi Elon Musk: यूँ ही नहीं बन जाता कोई एलन मस्क
by Parag Mahajanएलन मस्क के नाम से आज कौन परिचित नहीं है! दुनिया के सफल व सबसे धनी उद्यमियों की सूची, जिसमें बिल गेट्स, मार्क जुकरबर्ग और जेफ बेजोस जैसे लोगों के नाम शामिल हैं, बिना एलन मस्क के पूर्ण नहीं हो सकती। व्यवसाय की दुनिया में सफलता की चाह रखनेवाली आज की युवा पीढ़ी के लिए एलन मस्क आदर्श हैं। क्या आप भी एलन मस्क के जैसे सफल व धनी उद्यमियों की सूची में शामिल होना चाहते हैं? उनकी सफलता के गूढ़ रहस्यों को जानना, उन्हें जीवन में अपनाना चाहते हैं? उनकी कार्यशैली/ नीतियों व विचारों का उपयोग करके किस तरह आप अपने भाग्य को बदल सकते हैं, यह पुस्तक यही बताती है। ‘यूँ ही नहीं बन जाता कोई एलन मस्क’ पुस्तक में आप सफल उद्यमियों व लीडरों के उन गुप्त भेदों को जानेंगे, जिन्हें अपनाकर आपका नाम भी सबकी जुबान पर सफलता का पर्याय बन जाएगा। उनके चरित्र की विशेषताएँ व आदतें और भी बहुत से ऐसे अध्याय पढ़ने को मिलेंगे जो सफलता की आवश्यक शर्त हैं। उभरते उद्यमियों, व्यवसायियों व विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त प्रस्तुत पुस्तक में पेशे से इंजीनियर मस्क की सफलता को उनकी पृष्ठभूमि, शुरुआती कॅरियर, असफलताओं व नौकरी से निकाले जाने के साथ-साथ उनके उन विचारों, जिन्होंने उन्हें सफलता के शिखर तक पहुँचाया, के माध्यम से प्रतिबिंबित किया गया है, जो हर पाठक-वर्ग के लिए प्रेरणास्रोत है।
yuwak bharti class 11
by संपादक मंडल महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षण मंडलBased on the national policy of education, the Maharastra government has made this book to suit the needs of the students of Maharstra. This book contains the language and literature of Hindi for class eleventh of Maharastra Education Board.<P><P>
Zahir: ज़ाहिर
by Paulo Coelhoज़ाहिर का कथाकार एक बेस्टसेलिंग उपन्यासकार है, जो पेरिस में रहता है और संपन्नता तथा सेलिब्रिटी जैसे रुतबे का आनंद ले रहा है। एस्तर दस वर्षों से उसकी पत्नी है और एक युद्ध संवाददाता है, जो अपने मित्र मिखाइल के साथ ग़ायब हो जाती है। यह व्यक्ति उसका प्रेमी हो सकता है या नहीं भी। क्या एस्तर का अपहरण हुआ था, हत्या हुई थी या वह केवल उस विवाह से बचना चाहती थी जिससे वह असंतुष्ट थी? कथाकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है, लेकिन उसके पास कई सवाल हैं। एक दिन मिखाइल कथाकार को ढूंढ़ लेता है और उसे उसकी पत्नी से पुन मिलाने का वादा करता है। अपने खोए हुए प्रेम को पाने की कोशिशों में कथाकार को स्वयं के बारे में अनपेक्षित बात पता चलती है। जुनून पर आधारित एक रहस्य से घिरी कहानी, ज़ाहिर हमारे सपनों को पूरा करने और साथ ही उन्हें मिटा देने की संभावनाओं को तलाशती है।
Zindagi: ज़िंदगी
by Sanjay Sinhaजिस पहली महिला ने मुझे अपनी ओर आकर्षित किया था, वो मेरी माँ ही थी। मैं माँ को कभी खुद से दूर नहीं होने देना चाहता था, इसलिए मैंने चारपाँच साल की उम्र में माँ से कहा था कि मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ। माँ हँस पड़ी थी, कहने लगी कि मैं तुम्हारे लिए परीलोक की राजकुमारी लाऊँगी। मैं कह रहा था कि माँ, तुमसे सुंदर कोई और हो ही नहीं सकती। मृत्यु से एक रात पहले माँ ने मुझे बताया था कि वो कल चली जाएगी। मैंने माँ से पूछा था, तुम चली जाओगी, फिर मैं अकेला कैसे रहूँगा। माँ ने कहा था, मैं तुम्हारे आसपास रहूँगी। हर पल। कहते हैं रामकृष्ण परमहंस को पत्नी में माँ दिखने लगी थी। एक औरत में माँ का दिखना ही चेतना का सबसे बड़ा सागर होता है। संसार की हर औरत को इस बात के लिए गौरवान्वित होने का हक है कि वो माँ बन सकती है। उसके पास अपने भीतर से एक मनुष्य को जन्म देने का माद्दा है। उसे बहुधा इस काम के लिए किसी पुरुष की भी दरकार नहीं। शादी के बाद जो भी मेरी पत्नी से मिला, सबने कहा ये तुम्हारी माँ का पुनर्जन्म है। विरोधाभासों और कल्पनाओं के अथाह समंदर का नाम जिंदगी है।
Zindagi Benakaab: ज़िंदगी बेनकाब
by S. P. Bharillज़िंदगी की उलझन का मतलब विचारों की उलझन है और हमारे विचार तभी सुलझ सकते हैं जब हम जीवन को समझ लें। इसके लिए प्रकृति के नियम, विश्व के संचालन की व्यवस्था और अध्यात्म के सिद्धांतों के साथ-साथ उनके रहस्यों को स़िर्फ समझना ही नहीं होगा बल्कि उन्हें अपने जीवन में उतारना भी होगा। यह किताब इसमें आपकी मदद ही नहीं करेगी बल्कि उस दिशा में आपको ले कर भी जायेगी। अगर आप उलझनों से मुक्त खुशहाल जीवन जीना चाहते हैं, आप जानना चाहते हैं कि मैं कौन हूँ, आप अपने आपको आइने में देखना चाहते हैं, आप अपने मुखौटे उतार फेंकना चाहते हैं, आप संबंधों में मधुरता चाहते हैं तथा ऊर्जा और उत्साह से भरपूर जीवन का आनंद लेना चाहते हैं, तो इस किताब को पढ़ना होगा। समय तीव्र गति से बह रहा है, तो समय रहते ही हम इन तथ्यों को समझकर, प्रतिदिन की दिनचर्या में उतार कर अपने जीवन में परिवर्तन ले आएँ, और आज ही इस किताब को पढ़ना शुरू करें। विश्वास मानिये, आप इस प्रयास में सफल होंगे।
Zindagi Reloaded: ज़िंदगी रीलोडिड
by Tushar Rishiजिंदगी रीलोडेड तुषार ऋषि द्वारा लिखी गई एक मार्मिक कहानी है जो किशोरावस्था में कैंसर से संघर्ष के अनुभवों को दर्शाती है। इसका नायक समीर, 16 साल का एक सामान्य किशोर है जो पढ़ाई, खेल, और दोस्तों में व्यस्त है। एक दिन अचानक उसे कैंसर का पता चलता है, जिससे उसकी जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है। इसके बाद कहानी में अस्पतालों के चक्कर, कीमोथेरेपी की कठिनाइयां, और अपने परिवार व दोस्तों से मिले सहयोग का चित्रण है। समीर के सामने एक कठिन यात्रा है, जहाँ उसे न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक संघर्ष का सामना करना पड़ता है। किताब में उसकी जिंदगी की छोटी-छोटी खुशियाँ, उसके डर, और हौसले की अनोखी झलक मिलती है। उसकी कहानी न केवल एक बीमारी से लड़ाई बल्कि खुद को समझने और जिंदगी की कीमत को पहचानने की भी है। जिंदगी रीलोडेड पाठकों को यह याद दिलाती है कि संघर्ष जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन इनसे लड़ने का हौसला और अपनों का साथ सबसे महत्वपूर्ण होता है। यह किताब किसी भी उम्र के पाठक को प्रेरित कर सकती है, खासकर उन लोगों को जो किसी बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं।
Zindaginama: ज़िन्दगीनामा
by Krishna Sobtiलेखन को जीवन का पर्याय माननेवाली कृष्णा सोबती की कलम से उतरा एक ऐसा उपन्यास जो सचमुच ज़िन्दगी का पर्याय है—ज़िन्दगीनामा। ज़िन्दगीनामा—जिसमें न कोई नायक। न कोई खलनायक। सिर्फ लोग और लोग और लोग। ज़िन्दादिल। जाँबाज़। लोग जो हिन्दुस्तान की ड्योढ़ी पंचनद पर जमे, सदियों गाज़ी मरदों के लश्करों से भिड़ते रहे। फिर भी फसलें उगाते रहे। जी लेने की सोंधी ललक पर ज़िन्दगियाँ लुटाते रहे। ज़िन्दगीनामा का कालखंड इस शताब्दी के पहले मोड़ पर खुलता है। पीछे इतिहास की बेहिसाब तहें। बेशुमार ताकतें। ज़मीन जो खेतिहर की है और नहीं है, वही ज़मीन शाहों की नहीं है मगर उनके हाथों में है। ज़मीन की मालिकी किसकी है ? ज़मीन में खेती कौन करता है ? ज़मीन का मामला कौन भरता है ? मुजारे आसामियाँ। इन्हें जकडऩों में जकड़े हुए शोषण के वे कानून जो लोगों को लोगों से अलग करते हैं। लोगों को लोगों में विभाजित करते हैं। ज़िन्दगीनामा का कथानक खेतों की तरह फैला, सीधा-सादा और धरती से जुड़ा हुआ। ज़िन्दगीनामा की मजलिसें भारतीय गाँव की उस जीवन्त परम्परा में हैं जहाँ भारतीय मानस का जीवन-दर्शन अपनी समग्रता में जीता चला जाता है। ज़िन्दगीनामा—कथ्य और शिल्प का नया प्रतिमान, जिसमें कथ्य और शिल्प हथियार डालकर ज़िन्दगी को आँकने की कोशिश करते हैं। ज़िन्दगीनामा के पन्नों में आपको बादशाह और फकीर, शहंशाह, दरवेश और किसान एक साथ खेतों की मुँडेरों पर खड़े मिलेंगे। सर्वसाधारण की वह भीड़ भी जो हर काल में, हर गाँव में, हर पीढ़ी को सजाए रखती है।