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Samashti Arthashastra Ek Parichay class 12 - NCERT - 23: समष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसमष्टि अर्थशास्त्र 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छह अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है। इस पाठपुस्तक में रेखाचित्र कि सहायता से हर भाग का विस्तुर्त रूप मे विवरण किया गया है, यह पाठ्यपुस्तक सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता देती है जिन्हें करने के लिए व्यावहारिक अनुभवों की आवश्यकता होती है।
Samay ka Sankshipt Itihas: समय का संक्षिप्त इतिहास
by Stephen Hawkingस्टीफेन हॉकिंग की यह पुस्तक विज्ञान-लेखन की दुनिया में अपनी लोकप्रियता के कारण अतिविशिष्ट स्थान रखती है। वर्ष 1988 में अपने प्रकाशन के मात्र दस वर्षों की अवधि में इस पुस्तक की 10 लाख से ज़्यादा प्रतियाँ बिकीं और आज भी जिज्ञासा की दुनिया में यह पुस्तक बदस्तूर अपनी जगह बनाए हुए है।
Samkaleen Bharat Mein Vikas Ki Prakriya Aur Saamaajik Aandolan - Delhi Vishvavidyalaya: समकालीन भारत में विकास प्रक्रिया और सामाजिक आंदोलन - दिल्ली विश्वविद्यालय
by Abhay Prasad Singhसमकालीन भारत में विकास की प्रक्रिया और सामाजिक आंदोलन इस विषय पर लिखित अपनी तरह की एकमात्र और अनूठी पस्तक है। राजनीति विज्ञान पर वैसे तो कई पुस्तक उपलब्ध हैं, परंतु । स्वतंत्र भारत में विकास की प्रक्रिया को विहंगम दृष्टि से लेखनीबद्ध करने का यह ऐसा प्रयास है। जिसमें विकास की प्रक्रिया और सामाजिक आंदोलनों के उतार-चढ़ाव के विस्तारित आयाम पर समग्रता से विचार करने की पहल की गई है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने पाठ्यक्रम में ऐसे विषय को स्थान देकर उल्लेखनीय कदम उठाया है। यह पुस्तक न केवल राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के परीक्षार्थियों के लिए बल्कि आम पाठकों के लिए भी एक संग्रहणीय पुस्तक है। इस पुस्तक में पांच इकाइयां हैं। आरंभ की तीन इकाइयां - समकालीन विकास प्रक्रिया से संबंधी। रणनीतियों और सामाजिक संरचनाओं पर उसके प्रभावों से संबंधित हैं। इसमें स्वतंत्र भारत में विकास की प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन किया गया है। इसमें विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों जैसे: योजनागत विकास, भूमंडलीकरण और श्रम विशेष आर्थिक क्षेत्र, भारत में नव-मध्यम वर्ग, भूमि सुधार, हरित क्रांति, नक्सलवाद, कृषि संकट तथा भारतीय किसानों पर इसके प्रभाव का विवेचन किया गया है। पुस्तक की चौथी इकाई सामाजिक और नव सामाजिक आंदोलनों के संदर्भ में है। इसके अंतर्गत किसान-महिला- आदिवासी-दलित तथा पर्यावरण आंदोलन, नागरिक स्वतंत्रता आंदोलन एवं मानव अधिकार आंदोलन तथा जनवादी अधिकार आंदोलन पर चर्चा की गई है। पांचवीं इकाई में भोजन का अधिकार, मनरेगा, शिक्षा का अधिकार और सूचना का अधिकार जैसे नवीनतम अधिकार विषयक सरोकारों से संबंधित विषयों पर जानकारी दी गई है।
Samkaleen Pashchatya Darshan - Competitive Exam
by Basant Kumar Lalप्रस्तुत पुस्तक में सामान्यतः बीसवीं शताब्दी के कुछ प्रमुख दार्शनिक विचारों का परिचय मिलता है। पाश्चात्य विचाराकों में एफ. एच. ब्रैडले ने आभास और सत् की समस्या पर विचार किया है इसके भेद को स्पष्ट रूप से समझाने का प्रयास किया है। चार्ल्स सैन्डर्स ने संशय, विश्वास एवं अन्वेषण पर टिप्पणी की। अमरीकी वास्तवाद, के भेद एवं उसके अर्थ को स्पष्ट किया है। हेनरी बर्गसां ने सत् का स्वरूप सर्जनात्मक विकसासवाद प्रज्ञा एवं अन्तर्दृष्टि के बारे में बताया है। मूर तथा रसेल ने ज्ञानमीमांसीय विचार को महत्व दिया है। जिससे जगत के बारे में क्या जाना जा सकता है। अल्फ्रेड नार्थ ह्वाइटहेड ने दार्शनिक चिन्तन का स्वरूप, वैचारिक कोट की व्यवस्था की पहचान, वास्तविक तत्व शाश्वत वस्तु के सहयोग से जगत प्रक्रिया ईश्वर विचार आदि विषयों पर विचार किया है।लुडविग विटगेन्स्टीन ने विकसित दर्शन, विकसित विचार और गिलबर्ट राइल ने विश्लेषणात्मक दर्शन पर अपने विचार प्रस्तुत किये है।इस प्रकार पाश्चात्य दार्शनिक विचारकों ने अलग अलग विषय पर जो अपने विचार व्यक्त किये है उससे इस पुस्तक की अपनी एक अलग पहचान है और पढ़ने वालों को सही जानकारी मिलती है।
Samkalin Bharat-1 class 9 - Himachal Pradesh Board: समकालीन भारत-१ कक्षा ९ - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala"समकालीन भारत- 1" एक भूगोल पाठ्यपुस्तक है जो कक्षा 9 के लिए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित की गई है। अगस्त 2013 से अक्टूबर 2020 तक कई संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों के साथ, यह पुस्तक भारत के भौतिक विशेषताओं, जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति, वन्यजीव, और जनसंख्या के बारे में विस्तृत भूगोलिक जानकारी प्रदान करती है। ₹50.00 कीमत पर, यह छात्रों के लिए एक सस्ता स्रोत प्रस्तुत करती है। मानचित्रों पर आंतरिक विवरण को सही रूप से प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी का उल्लेख करते हुए, प्रकाशक सुनिश्चित करता है कि भारत के मानचित्रों पर आंतरिक विवरण सही तरीके से प्रस्तुत किए जाते हैं। यह पाठ्यपुस्तक छात्रों को उनके देश के विभिन्न भूगोलिक पहलुओं को समझने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करती है।
Samkalin Bharat 1 class 9 - NCERT: समकालीन भारत 1 9वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसमकालीन भारत 1 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल छह अध्याय है। भारत-आकार और स्थिती, भारत का भौतिक स्वरुप, अपवाह, जलवायू, प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी, जनसंख्या आदी के बारे जानकारी दी गई है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।
Samkalin Bharat 1 class 9 - RBSE Board: समकालीन भारत 1 9वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerसमकालीन भारत 1 माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान हेतु कक्षा नवमी के हिन्दी विषय हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप तैयार की गई है। 'हिन्दी भाषा' अपने सामर्थ्य में वृद्धि करते हुए विश्व में सम्पर्क भाषा के रूप मे तीव्रता से प्रसारित हो रही है। ऐसी स्थिति में स्वाभाविक है कि अपने प्रदेश के विद्यालयों के विद्यार्थी हिन्दी भाषा के व्यवहार में विशेष दक्षता अर्जित करें। इस पुस्तक में कुल छह अध्याय है। भारत-आकार और स्थिती, भारत का भौतिक स्वरुप, अपवाह, जलवायू, प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी, जनसंख्या आदी के बारे जानकारी दी गई है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।
Samkalin Bharat -2
by National Council Of Educational Research TrainingThis book prescribed by central board of secondary education, India for the students of class 10th subject Social Science, studying through Hindi medium. This accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.
Samkalin Bharat 2 class 10 - NCERT: समकालीन भारत 2 10वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसमकालीन भारत भाग 2 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल सात अध्याय है। संसाधन एवं विकास, वन एवं वन्य जीव संसाधन, जल संसाधन, कृषि, खनिज तथा ऊर्जा संसाधन, विनिर्माण उद्योग, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ आदी के बारे जानकारी दी गई है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।
Samkalin Bharat Bhag-1 class 9 - JCERT: समकालीन भारत भाग-१ ९वीं कक्षा - जेसीईआरटी
by Jharkhand Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Ranchi"समकालीन भारत - 1" कक्षा 9 की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक है, जो छात्रों को भारत के भूगोल, जलवायु, वनस्पति, जनसंख्या आदि विषयों की जानकारी प्रदान करती है। यह पुस्तक छात्रों को भारत की भौगोलिक विविधताओं, जनसंख्या वृद्धि, जलवायु परिवर्तन, और संसाधनों के बारे में विस्तृत रूप से समझाती है। इसमें भारत के भौतिक स्वरूप को विभिन्न भौगोलिक विभाजनों में बाँटा गया है, जैसे कि हिमालय पर्वत, उत्तरी मैदान, प्रायद्वीपीय पठार, तटीय मैदान और द्वीप समूह। साथ ही, भारत की प्रमुख नदियों और उनके अपवाह तंत्रों पर भी विस्तार से चर्चा की गई है। पुस्तक में जलवायु और प्राकृतिक वनस्पति के विभिन्न प्रकारों की चर्चा की गई है, जो छात्रों को पर्यावरण और उसकी संरचना के प्रति जागरूक करती है। इस पाठ्यपुस्तक में दी गई जानकारी छात्रों को भारत के समग्र भूगोल और उसके विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करती है। पुस्तक के अंत में अभ्यास और परियोजना कार्य दिए गए हैं, जो छात्रों को विषय की गहरी समझ विकसित करने में सहायक हैं।
Samkalin Bharat Bhag-1 class 9 - NCERT - 23: समकालीन भारत भाग-१ ९वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसमकालीन भारत 1 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल छह अध्याय है। भारत-आकार और स्थिती, भारत का भौतिक स्वरुप, अपवाह, जलवायू, प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी, जनसंख्या आदी के बारे जानकारी दी गई है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।
Samkalin Bharat Bhag-2 class 10 - Himachal Pradesh Board: समकालीन भारत भाग-२ कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए " समकालीन भारत भाग-२" का डिजिटल संस्करण, 2017 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। शिक्षा में सुधार की आवश्यकता पर ध्यान देते हुए राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा रूपरेखा 2005 और परीक्षा सुधारों पर राष्ट्रीय फोकस समूह के स्थिति पत्र ने परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों के तरीकों में बदलाव के लिए अपील की है। इस पुस्तक में कुल सात अध्याय है। संसाधन एवं विकास, वन एवं वन्य जीव संसाधन, जल संसाधन, कृषि, खनिज तथा ऊर्जा संसाधन, विनिर्माण उद्योग, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ आदी के बारे जानकारी दी गई है। राष्ट्रीय स्तर पर पाठ्यपुस्तकों के निर्माण का दायित्व एन. सी. ई. आर. टी. को दिया गया है ताकि शिक्षा के राष्ट्रीय स्तर पर समरूपता बनी रहे। हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड, एन.सी.ई.आर.टी. का आभारी हैं क्योंकि उन्होंने हमें उनके द्वारा परिश्रमपूर्वक तैयार की गई पुस्तकों को पुनर्मुदित कर अपने छात्रों तक पहुंचाने का अधिकार दिया है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।
Samkalin Bharat Bhag-2 class 10 - JCERT: समकालीन भारत भाग-२ १०वीं कक्षा - जेसीईआरटी
by Jharkhand Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Ranchiसमकालीन भारत - 2 कक्षा 10 की भूगोल पाठ्यपुस्तक है, जो भारत के विभिन्न भौगोलिक, पर्यावरणीय और आर्थिक पहलुओं पर केंद्रित है। पुस्तक में कुल सात अध्याय हैं, जो संसाधनों, वन्य जीवन, जल संसाधनों, कृषि, खनिज और ऊर्जा संसाधनों, विनिर्माण उद्योगों और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विषयों को कवर करते हैं। पहला अध्याय संसाधन एवं विकास में संसाधनों के प्रकार और उनके सतत उपयोग की चर्चा है, जिसमें संसाधन नियोजन की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। दूसरा अध्याय वन और वन्य जीव संसाधन भारत की जैव विविधता, लुप्तप्राय प्रजातियों और संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करता है। जल संसाधन पर तीसरा अध्याय जल की कमी, जल संरक्षण और प्रबंधन के उपायों की आवश्यकता पर केंद्रित है। चौथे अध्याय कृषि में कृषि के प्रकार, फसलों की विविधता और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में कृषि के योगदान की चर्चा की गई है। पांचवा अध्याय खनिज और ऊर्जा संसाधन विभिन्न प्रकार के खनिज और ऊर्जा संसाधनों, उनके वितरण और संरक्षण की आवश्यकता को समझाता है। विनिर्माण उद्योग पर छठा अध्याय उद्योगों के राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्व और पर्यावरणीय समस्याओं का वर्णन करता है। अंत में, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ नामक सातवां अध्याय परिवहन और संचार सेवाओं की महत्ता, और उनके देश की अर्थव्यवस्था में योगदान को स्पष्ट करता है। यह पुस्तक छात्रों को भारत के समकालीन मुद्दों और संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के महत्व को समझाने का प्रयास करती है।
Samkalin Bharat Part-2 class 10 - NCERT - 23: समकालीन भारत भाग-२ १०वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसमकालीन भारत भाग 2 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल सात अध्याय है। संसाधन एवं विकास, वन एवं वन्य जीव संसाधन, जल संसाधन, कृषि, खनिज तथा ऊर्जा संसाधन, विनिर्माण उद्योग, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ आदी के बारे जानकारी दी गई है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।
Samkalin Vishwa Rajniti class 12 - NCERT: समकालीन विश्व राजनीति कक्षा 12 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसमकालीन विश्व राजनीति 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठपुस्तक में नौं अध्याय दिए है, हर अध्याय की शुरुआत में ‘परिचय’ दिया गया है। हर अध्याय में मानचित्र, सारणी, आरेख, बॉक्स, कार्टून तथा अन्य रूप-रचनाओं (प्रदर्शों) का भी इस्तेमाल किया है। प्रत्येक अध्याय में आपको निश्चित सीमा में सूचनाएँ मिलेंगी। इसके साथ-साथ हर अध्याय में विश्व राजनीति को समझने में उपयोगी अवधारणाओं से आपकी भेंट होगी जैसे- शीतयुद्ध; वर्चस्व की धारणा; अंतर्राष्ट्रीय संगठन; राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवीय सुरक्षा; पर्यावरणीय सुरक्षा; वैश्वीकरण आदि।
Samkalin Vishwa Rajniti class 12 - NCERT - 23: समकालीन विश्व राजनीति १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसमकालीन विश्व राजनीति 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठपुस्तक में सात अध्याय दिए है, हर अध्याय की शुरुआत में ‘परिचय’ दिया गया है। हर अध्याय में मानचित्र, सारणी, आरेख, बॉक्स, कार्टून तथा अन्य रूप-रचनाओं (प्रदर्शों) का भी इस्तेमाल किया है। प्रत्येक अध्याय में आपको निश्चित सीमा में सूचनाएँ मिलेंगी। इसके साथ-साथ हर अध्याय में विश्व राजनीति को समझने में उपयोगी अवधारणाओं से आपकी भेंट होगी जैसे- शीतयुद्ध; वर्चस्व की धारणा; अंतर्राष्ट्रीय संगठन; राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवीय सुरक्षा; पर्यावरणीय सुरक्षा; वैश्वीकरण आदि।
Sanchayan Bhag 1 class 9 - NCERT: संचयन भाग 1 कक्षा 9 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसंचयन भाग 1 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल छह पाठ हैं – इस पुस्तक में आज देश में संप्रदाय और असहिष्णुता की प्रवृत्ति के कारण हम भारतीय जीवन-मूल्यों तथा अपनी समन्वयवादी सामासिक संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं । समुचित साहित्य की शिक्षा इस प्रवृत्ति को दूर करने और विद्यार्थियों में राष्ट्र के प्रति स्वस्थ अभिरुचि विकसित करने में एक प्रेरक साधन बन सकती है । इस दृष्टि से पाठ्य-सामग्री के चयन और संयोजन में निम्नलिखित बिंदुओं को केंद्र में रखा गया है, पठन-सामग्री ऐसी हो जिसके माध्यम से विद्यार्थी लोक-परंपरा, साहित्य, कला, विज्ञान, समाज आदि के क्षेत्र में अपनी सांस्कृतिक विरासत से परिचित हों और उसके प्रति उनमें सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हो । विधागत पाठ्य-सामग्री के चयन में रोचकता और विविधता का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है।
Sanchayan Bhag 1 Class 9 - NCERT - 23: संचयन भाग-१ ९वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसंचयन भाग-1 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल चार पाठ हैं– इस पुस्तक में आज देश में संप्रदाय और असहिष्णुता की प्रवृत्ति के कारण हम भारतीय जीवन-मूल्यों तथा अपनी समन्वयवादी सामासिक संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। समुचित साहित्य की शिक्षा इस प्रवृत्ति को दूर करने और विद्यार्थियों में राष्ट्र के प्रति स्वस्थ अभिरुचि विकसित करने में एक प्रेरक साधन बन सकती है। इस दृष्टि से पाठ्य-सामग्री के चयन और संयोजन में निम्नलिखित बिंदुओं को केंद्र में रखा गया है, पठन-सामग्री ऐसी हो जिसके माध्यम से विद्यार्थी लोक-परंपरा, साहित्य, कला, विज्ञान, समाज आदि के क्षेत्र में अपनी सांस्कृतिक विरासत से परिचित हों और उसके प्रति उनमें सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हो। विधागत पाठ्य-सामग्री के चयन में रोचकता और विविधता का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है।
Sanchayan Bhag 2 class 10 - NCERT: संचयन भाग 2 10वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadसंचयन भाग 2 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल तीन पाठ हैं – इस पुस्तक में आज देश में संप्रदाय और असहिष्णुता की प्रवृत्ति के कारण हम भारतीय जीवन-मूल्यों तथा अपनी समन्वयवादी सामासिक संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं । समुचित साहित्य की शिक्षा इस प्रवृत्ति को दूर करने और विद्यार्थियों में राष्ट्र के प्रति स्वस्थ अभिरुचि विकसित करने में एक प्रेरक साधन बन सकती है । इस दृष्टि से पाठ्य-सामग्री के चयन और संयोजन में निम्नलिखित बिंदुओं को केंद्र में रखा गया है, पठन-सामग्री ऐसी हो जिसके माध्यम से विद्यार्थी लोक-परंपरा, साहित्य, कला, विज्ञान, समाज आदि के क्षेत्र में अपनी सांस्कृतिक विरासत से परिचित हों और उसके प्रति उनमें सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हो । विधागत पाठ्य-सामग्री के चयन में रोचकता और विविधता का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है।
Sanchayan Bhag-2 class 10 - NCERT - 23: संचयन भाग-२ १०वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadइस पुस्तक में कहानी, आत्मकथा एवं उपन्यास अंश को स्थान दिया गया है। इस पाठ्यपुस्तक मे लोक-परंपरा, साहित्य, कला, विज्ञान, समाज आदि के क्षेत्र में अपनी सांस्कृतिक विरासत से परिचित होंगी और उसके प्रति उनमें सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होगा। कहानी, आत्मकथ्य अंश और उपन्यास अंश को लिया गया है।
Sangeet Shastra Darpan Pratham Bhag class 9 and class 10 - Himachal Pradesh Board: संगीत शास्त्र दर्पण प्रथम भाग कक्षा ९ एवं कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Shanti Govardhan“संगीत शास्त्र दर्पण प्रथम भाग” हिमाचल प्रदेश बोर्ड के कक्षा 9 और कक्षा 10 के छात्रों के लिए शांति गोवर्धन द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक पुस्तक है। यह पुस्तक भारतीय शास्त्रीय संगीत के मौलिक सिद्धांतों और तकनीकों का व्यापक वर्णन करती है। इसमें संगीत की प्राथमिक अवधारणाएँ जैसे स्वर, ताल, राग, और बंदिश को सरल और सुलभ भाषा में प्रस्तुत किया गया है, जिससे छात्र आसानी से समझ सकें। पुस्तक में रागों की संरचना, उनकी विशेषताएँ और उनकी प्रस्तुति के तरीके पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके साथ ही, तालों के प्रकार और उनकी गिनती, स्वर और ताल के बीच के संबंध, और भारतीय शास्त्रीय संगीत की संस्कृति का भी विस्तृत विवरण दिया गया है। लेखक ने संगीत के इन तत्त्वों को सजीव उदाहरणों और प्रायोगिक दृष्टिकोण से समझाया है, जिससे यह पुस्तक न केवल सिद्धांतों की जानकारी देती है बल्कि छात्रों को संगीत के प्रति गहरी समझ और रुचि भी विकसित करती है। यह पुस्तक हिमाचल प्रदेश बोर्ड की पाठ्यक्रम सामग्री के अनुरूप तैयार की गई है और छात्रों को शास्त्रीय संगीत की शिक्षा में एक मजबूत नींव प्रदान करती है। इसमें दिए गए अध्याय और अभ्यास छात्रों को परीक्षा के लिए भी अच्छी तरह से तैयार करते हैं। "संगीत शास्त्र दर्पण प्रथम भाग" कक्षा 9 और 10 के छात्रों के लिए एक आदर्श शैक्षणिक संसाधन है, जो उन्हें संगीत की जटिलताओं को समझने में सहायता करता है और उनकी शैक्षणिक यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
Sangram: संग्राम
by Premchand"संग्राम" प्रेमचंद की एक प्रमुख कृति है, जो भारतीय समाज में व्याप्त सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को उजागर करती है। इस उपन्यास में प्रेमचंद ने भारतीय समाज के निम्न वर्ग के संघर्षों और उनके जीवन की कठिनाइयों का संवेदनशील चित्रण किया है। कहानी उन गरीब और दबे-कुचले लोगों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो समाज में सम्मान और समानता की खोज में संघर्षरत हैं। प्रेमचंद ने इस उपन्यास के माध्यम से जाति व्यवस्था और शोषण के कुप्रभावों को बारीकी से दर्शाया है, जहां उच्च वर्ग के लोग अपने स्वार्थ और सत्ता के बल पर निम्न वर्ग का शोषण करते हैं। उपन्यास के पात्र सामाजिक अन्याय और आर्थिक शोषण के खिलाफ संघर्ष करते हुए दिखाए गए हैं, जो अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ते हैं। "संग्राम" में प्रेमचंद ने समाज में व्याप्त असमानताओं और जातिगत भेदभाव पर करारी चोट की है, और यह संदेश दिया है कि समाज में न्याय और समानता की स्थापना के बिना विकास संभव नहीं है। प्रेमचंद का यह उपन्यास सामाजिक सुधार की आवश्यकता और समाज के सभी वर्गों के लिए समान अवसरों और सम्मान की अनिवार्यता पर बल देता है। "संग्राम" न केवल सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रेमचंद की लेखनी की गहराई और उनकी समाज के प्रति प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है। यह उपन्यास पाठकों को सामाजिक न्याय और समानता के संघर्ष के प्रति जागरूक करता है और उन्हें समाज में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है।
Sanjeev Ki Katha-Yatra Doosra Parav: संजीव की कथा-यात्रा-दूसरा पडाव
by Sanjeevकैसे कहें कि कहानी सीप के कीड़े द्वारा मोती रचने जैसा कर्म है, कैसे कहें कि कहानी कुम्हार द्वारा घड़ा या मूर्तियाँ बनाने जैसा उद्यम है, कैसे कहें कि कहानी किसान द्वारा फसल पैदा करने या गायक द्वारा राग साधने जैसा श्रम है। कितने नदी-नालों, गड़हों, समुद्र या अन्य स्रोतों के जल-सा उसके अवयव अणु-अणु घटनाओं, पात्रों, चरित्रों, संवेदनाओं आदि रूप में बादलों की तरह आकार लेते हैं, कभी उड़ जाते हैं और कभी संघनित होकर बूंद-बूंद बरसते हैं, कभी कोहरा, कभी शबनम, कभी रिमझित तो कभी धार-धार...!
Sanjeev Ki Katha-Yatra Pahala Parav: संजीव की कथा-यात्रा पहला पड़ाव
by Sanjeevप्रस्तुत कहानियाँ तीस वर्षों के आज़ाद भारतीय मानस के कैनवस पर उभरे आर्थिक, नैतिक, राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक यथार्थ की शिनाख्त हैं। सच समझना बड़ा दुष्कर है, बोलना और भी दुष्कर और सच को झेलना सबसे दुष्कर। कहानी मेरे लिए मौज-मस्ती का अंग नहीं है जो गुदगुदा सके। जहाँ ज़ख्म और फफोले हैं, वहाँ सोच को भटकाना मैं जघन्य अपराध मानता हूँ अतः उस तरह के अफ़ीम के व्यापारियों से हमारी राह अलग है। अगर ज़ख्म रिसते हैं तो इस हक़ीक़त को छुपाना, कराह और आक्रोश के कण्ठस्वर को रोकना, आत्मघात और कायरता है। इसीलिए निदान के लिए सभी तरह के तर्कसंगत प्रयासों को जुबान देना मैंने अपना फ़र्ज़ समझा है।