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Pashchyatya Rajniti Vicharak - Delhi Vishvavidyalaya: पाश्चात्य राजनीति विचारक - दिल्ली विश्वविद्यालय

by Om Prakash Gauba

‘पाश्चात्य राजनीति-विचारक’ के अंतर्गत मुख्यतः पश्चिमी जगत् के प्राचीन, मध्ययुगीन और आधुनिक राजनीति-दार्शनिकों के चिंतन का तुलनात्मक और आलोचनात्मक विवेचन प्रस्तुत किया गया है। इसके आरंभ में गौरव-ग्रंथों के सामान्य लक्षणों का विवरण देते हुए उनकी उपयोगिता और सार्थकता पर प्रकाश डाला गया है; उनकी व्याख्या की सामान्य समस्याओं की चर्चा करते हुए इस व्याख्या के विभिन्न उपागमों की जांच की गई है। फिर पश्चिमी राजनीति चिंतन के इतिहास से जुड़े प्रत्येक युग की सामान्य विशेषताओं का विवरण देते हुए उनके प्रतिनिधि दार्शनिकों की देन को परखा गया है। प्राचीन यूनानी दार्शनिकों में यहां सुक़रात, प्लेटो और अरस्तू के चिंतन का विश्लेषण किया गया है। फिर प्राचीन रोम और मध्ययुगीन यूरोप के प्रतिनिधि विचारकों का संक्षिप्त किंतु निकट परिचय दिया गया है। आधुनिक युग के मुख्य-मुख्य राजनीति-दार्शनिकों में मेकियावेली, बोदां, ग्रोश्यस, हॉब्स, लॉक, रूसो, मांतेस्क्यू, ह्यूम, बर्क, बेंथम, जे.एस. मिल, कांट, हेगेल, टी.एच. ग्रीन, मार्क्स, लेनिन, रोज़ा लक्ज़ेमबर्ग, माओ त्से-तुंग, ग्राम्शी, ल्यूकाच, हन्ना आरेंट और माइकल ओकशॉट के मुख्य-मुख्य विचारों की विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत की गई है।

Path De Davedar

by Sharat Chandra Chattopadhyay

This is the Hindi translation of the book Pather Daavi written originally in Bangla by the Great Writer Sharat Chandra Chattopadhyay. This novel is considered important also because of the dominant feeling of the love for home country. The importance could be understood by the fact that it was seized by the Britishers.

Pathik (KhandKavya) B.A Sem-II -Ranchi University, N.P.U

by Ramnaresh Tripathi

Pathik (KhandKavya) text book for B.A Sem-II from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Pati Patni ka Divya Vyavhar (Sanxipt): पति पत्नी का दिव्य व्यवहार (संक्षिप्त)

by Dada Bhagwan

पति और पत्नी यह दोनों एक ही गाड़ी के दो पहिये है जिसका साथ में चलना बहुत ही अनिवार्य है| हर घर में पति-पत्नी के बीच किसी ना किसी बात पर संघर्ष और मनमुटाव चलते ही रहता है जिसके कारण घर का वातावरण भी तनावपूर्ण हो जाता है| इसका प्रभाव घर में रहने वाले अन्य सदस्यों पर भी पड़ता है और खासकर बच्चे भी इससे बहुत ही प्रभावीत होते है| पूज्य दादा भगवान खुद भी विवाहित थे पर अपने सम्पूर्ण आयुष्यकाल में उनका अपनी पत्नी के साथ कभी भी किसी भी बात को लेकर विवाद खड़ा नहीं हुआ| अपनी किताब, ‘पति पत्नी का दिव्य व्यवहार’ में दादाजी हमें अपने विवाह जीवन को आदर्श किस तरह बनाये, इससे संबंधित बहुत सारी चाबियाँ देते है|अपने अनुभवों और ज्ञान के साथ, लोगो द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब में दादाजी ने बहुत सारी अच्छी बाते कही है, जिसका पालन करने से पति और पत्नी एक दूसरे के साथ सामजस्य के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार कर सकेंगे|

Patjhar Ki Awaaaz

by Kurrtualin Haider Mazda Assad

Kurrtualin tells through the stories about the brutal realities of contemporary society with intense emotion. These simple stories enter the conscience of humankind.

Pattakhor: पत्ताखोर 

by Madhu Kankariya

स्वातंत्र्योत्तर भारतीय समाज में हमने जहाँ विकास और प्रगति की कई मंजिले तय की हैं वहीं अनेक व्याधियाँ भी अर्जित की हैं। अनेक समाजार्थिक कारणों से हम ऐसी कुछ बीमारियों से घिरे हैं। जिनका कोई सिरा पकड़ में नहीं आता।

Pavanputra Abhimanyu: पवनपुत्र अभिमन्यु

by Abhimanyu Pandit

पवनपुत्र अभिमन्यु एक काल्पनिक और रहस्यमयी कथा है, जिसमें अभिमन्यु के जीवन और उसके रोमांचकारी सफर को दर्शाया गया है। कहानी पाताल लोक, रावण की स्वर्ण लंका, और मायावी शक्तियों के इर्द-गिर्द घूमती है। अभिमन्यु केशव पंडित का खोया हुआ बेटा है, जिसे सिंगही नामक खलनायक ने अपहरण कर लिया था और थाईलैंड में मार्शल आर्ट्स के तहत प्रशिक्षित किया गया था। सिंगही, अभिमन्यु को केशव पंडित के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहता था, लेकिन अभिमन्यु अपने असली परिवार से जा मिलता है। कहानी में अभिमन्यु, अपने जुड़वा भाई आशीर्वाद और उनके सहयोगी ठरकी बंदर के साथ कई रहस्यमयी और खतरनाक मिशनों पर निकलता है। वे पाताल लोक में छिपे रहस्यों को उजागर करने, स्वर्ण लंका की खोज, और विभिन्न खलनायकों जैसे सिंगही और जादूगर सांगली से मुकाबला करते हैं। ठरकी, एक बुद्धिमान बंदर है, जो एक वैज्ञानिक का मस्तिष्क प्रत्यारोपित कर रखा गया है, और वह कहानी में हास्य और रहस्य का एक अद्वितीय तत्व जोड़ता है। अभिमन्यु का मुख्य उद्देश्य न केवल अपने परिवार को बचाना है बल्कि स्वर्ण लंका और पाताल लोक के रहस्यों का भी पर्दाफाश करना है। उपन्यास में भेड़ियों, अद्वितीय वन्यजीवों, और जादुई पात्रों का समावेश कहानी को और भी दिलचस्प बनाता है।

Perfect Crime: परफेक्ट क्राईम

by Prakash Bharti

सुनसान हाईवे…। खून से लथपथ जख्मी आदमी को अजय द्वारा कार में लिफ्ट और शुरुआत एक हौलनाक सिलसिले की…। ट्रक ड्राइवर मनोहर की हत्या… शराब की बोतलों से भरा ट्रक लापता…। एक खूबसूरत जवान लड़की गायब…। एक के बाद एक तीन और हत्याएँ। कानून भी किलर को सजा नहीं दे सकता था… यानि परफैक्ट क्राइम। या लांग टर्म प्लांड क्राइम। खुद को इस खौफनाक बरवेड़े में गले तक फंसा चुके अजय के सामने एक ही रास्ता था… गहरी साजिश के प्लानर के मोहरे को उसी के खिलाफ इस्तेमाल करना…। यानि जवाबी परफैक्ट क्राइम। (रहस्य, रोमांच एवं सस्पैंस से भरपूर तेज रफ्तार उपन्यास)।

Personality Plus: पर्सनैलिटी प्लस

by Florence Littauer

पर्सनैलिटी प्लस में फ़्लोरेंस लिटार आपको ऐसी बहुमूल्य जानकारी देती हैं, जिससे आप अपने अनूठे व्यक्तित्व को आसानी से पहचान सकते हैं। इस पुस्तक में एक पर्सनैलिटी प्रोफ़ाइल टेस्ट भी दिया गया है। यह टेस्ट आपके गुणों के उस अनूठे सम्मिश्रण के बारे में बताएगा, जो आपकी भावनाओं, काम करने की क्षमता और संबंधों को प्रभावित करता है। मज़ेदार क़िस्सों और सटीक सुझावों के माध्यम से पर्सनैलिटी प्लस आपकी शक्तियों को बढ़ाने तथा कमजोरियों को सुधारने का मार्गदर्शन देती है। इस रोचक पुस्तक में आपके आस-पास के लोगों को समझने का तरीक़ा भी बताया गया है। आप यह जान जाएँगे कि किन गुणों के कारण हर व्यक्ति भिन्न होता है। पर्सनैलिटी प्लस को पढ़ने के बाद आपका जीवन निश्चित रूप से बेहतर और अधिक आनंददायक बन सकता है।

Phans: फांस

by Sanjeev

संजीव 38 वर्षों तक एक रासायनिक प्रयोगशाला, 7 वर्षों तक 'हंस' समेत कई पत्रिकाओं के सम्पादन और स्तम्भ-लेखन से जुड़े संजीव का अनुभव संसार विविधता से भरा हुआ है, साक्षी हंम उनकी प्रायः 150 कहानियाँ और 12 उपन्यास। इसी विविधता और गुणवत्ता ने उन्हें पाठकों का चहेता बनाया है। इनकी कुछ कृतियों पर फिल्में बनी हैं, कई कहानियाँ और उपन्यास विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में हैं। अपने समकालीनों में सर्वाधिक शोध भी उन्हीं की कृतियों पर हुए हैं। 'कथाक्रम', 'पहल', 'अन्तरराष्ट्रीय इन्दु शर्मा', 'सुधा-सम्मान' समेत अनेक पुरस्कारों से सम्मानित... । नवीनतम है हिन्दी साहित्य के सर्वोच्च सम्मानों में से एक इफको का श्रीलाल शुक्ल स्मृति साहित्य सम्मान-2013। अगर कथाकार संजीव की भावभूमि की बात की जाये तो यह उनके अपने शब्दों में ज्यादा तर्कसंगत, सशक्त और प्रभावी होगा-“मेरी रचनाएँ मेरे लिए साधन हैं, साध्य नहीं। साध्य है मानव मुक्ति।”

Piyush Prawah class 12 - RBSE Board: पीयूष प्रवाह कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

पीयूष प्रवाह इस पाठ्यपुस्तक मे हिन्दी गद्य की कहानी, आत्मकथा, रेखाचित्र, उपन्यास, यात्रावृत्त एवं जीवन-चरित विधाओं की श्रेष्ठ रचनाओं को सम्मिलित किया गया है। इन रचनाओं के चयन का आधार उनकी रोचकता, विषय-विविधता एवं बोधगम्यता है। गांधी जी की आत्मकथा "सत्य के प्रयोग" के संपादित अंश से पाठकों को बाहरी दिखावे से बचने, सहयोगी एवं स्वावलम्बी बनने तथा संस्कारों के साथ सादगीपूर्वक जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। ‘गौरा' (महादेवी वर्मा) रेखाचित्र में लेखिका ने स्वयं द्वारा पालित गाय का अत्यंत करुणापूरित चित्र उकेरा है।

Political Science class 12 - NCERT Guidebook: राजनीति शस्त्र कक्ष 12 - एन सी ई आर टी गाइड

by Suman Kataria

Political science class 12 guide book is a very good guide book available for CBSE board students. After the students go through the text book this book serves as perfect companion to the final board exam. by studying this students are to be expected to be prepared in all aspect.

Post Box Number 203 Nala Sopara: पोस्ट बॉक्स नं. 203 नाला सोपारा

by Chitra Mudgal

हिन्दी साहित्य जगत में अपनी अप्रतिम जगह बना चुकी वरिष्ठ कथाकार चित्रा मुद्गल का यह उपन्यास विनोद उर्फ बिन्नी उर्फ बिमली के बहाने हमारे समाज में लम्बे समय से चली आ रही उस मानसिकता का विरोध हैजो मनुष्य को मनुष्य समझने से बचती रही है। जी नहींयह अमीरगरीब का पुराना टोटका नहींमहज शारीरिक कमी के चलते किसी इंसान को असामाजिक बना देने की क्रूर विडम्बना है। अपने ही घर से निकाल दिए गए विनोद की मर्मांतक पीड़ा उसके अपनी बा को लिखे पत्रों में इतनी गहराई से उजागर हुई है कि पाठक खुद यह सोचने पर विवश हो जाता है कि क्या शब्द बदल देने भर से अवमानना समाप्त हो सकती है गलियों की गाली हिजड़ाको किन्नरकह देने भर से क्या देह के नासूर छिटक सकते हैं। परिवार के बीच से छिटककर नारकीय जीवन जीने को विवश किए जाने वाले ये बीच के लोगआखिर मनुष्य क्यों नहीं माने जाते। आजजबकि ऐसे असंख्य लोगों को समाज में स्वीकृति मिलने लगी हैहमारी संसद भी इस संदर्भ में पुरातनपंथी नहीं रही हैक्या यह उम्मीद नहीं की जानी चाहिए कि परिवार व समाज अपनी सोच के मकड़जाल से बाहर निकल आएंगेठीक उसी तरह जैसे इस उपन्यास के मुख्य चरित्र की मां वंदना बेन शाह अपने बेटे से घर वापसी की अपील करते हुए एक विस्तृत माफीनामा अखबारों में छपवाती है। यह अपील एक व्यक्ति भर की न रहकरसमूचे समाज की बन जाएयही वस्तुत: कथाकार की मूल मंशा है। एक एक्टिविस्ट रचनाकारकैसे अपनी रचना में मूल सरोकार के प्रति समर्पित हो सकता हैयह इस अनोखे और पठनीय उपन्यास की भाषा बताती है। यहां समाज की हर सतह उघड़ती है और एक नयी रचनात्मक सतह बनने को आतुर है।

Praathamik Vidyaalay Ka Baalak - Ek Adhyayan- 1 NES-101 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 101 प्राथमिक विद्यालय का बालक - एक अध्ययन खंड 1 इस पाठ्यक्रम में प्राथमिक विद्यालय के बच्चो के शारीरिक, स्वास्थ्य, सामाजिक एवं संवेगात्मक पहलुओं से संबंधित आवश्यताओं और समस्याओं को शिक्षक तथा अभिभावक को समझने की आवश्यताओं का विवेचन किया गया है। इसमें शैक्षिक निर्देशन संबंधित अनेक उन किर्याकलापों की चर्चा भी की गई है। जो बच्चो को घर तथा स्कूल में समायोजन के अवसर प्रदान करते है।

Praathamik Vidyaalay Ka Baalak - Ek Adhyayan- 2 NES-101 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

NES- 101 प्राथमिक विद्यालय का बालक – एक अध्ययन खंड 2 बच्चे के विकास के सिद्धान्त एवं कारक पाठ्यक्रम में प्राथमिक विद्यालय के बालक की सामान्य तस्वीर प्रस्तुत करती है तथा विकास के विभिन्न पक्षों, यथा- संज्ञानात्मक, सामाजिक, संवेगात्मक, भाषिक, शारीरिक एवं गतिक विकास पर प्रकाश डालती है। इस खंड में मानव जीवन से सम्बधीत विकास की अवधारणा का भी संक्षिप्त विवेचन किया गया है।

Prabhodhini class 9 - RBSE Board: प्रबोधिनी 9वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

'प्रबोधिनी' माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान हेतु कक्षा नवमी के हिन्दी विषय हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप तैयार की गई है। 'हिन्दी भाषा' अपने सामर्थ्य में वृद्धि करते हुए विश्व में सम्पर्क भाषा के रूप मे तीव्रता से प्रसारित हो रही है। ऐसी स्थिति में स्वाभाविक है कि अपने प्रदेश के विद्यालयों के विद्यार्थी हिन्दी भाषा के व्यवहार में विशेष दक्षता अर्जित करें। भाषा के साथ पुस्तक में संकलित विषय-वस्तु के माध्यम से विद्यार्थियों में आत्मबल, त्याग, बलिदान, निःस्वार्थ सेवा, जीव दया के साथ राष्ट्र भक्ति की भावना पुष्ट करने का प्रयास किया गया है ।

Prachin Bharat

by Dvijendranarayan Jha

Prachin Bharat: This book is an unmatched description of Ancient India. It gives us a clear view of the systems prevailing in ancient India. The books has descriptions of life and times of Harappan civilisation. vedic civilisation and origin of buddhism has been given equal importance. The description of Mauryas and guptas is unmatched one and the book augurs well for students preparing for civil service exams in India.

Prachin Bharat Ka Itihas

by Romila Thapar

A classical book written on the different explanations of Ancient Indian History. The writer takes reference from various authentic sources and presents a well balanced description of the society of the ancient India.

Prachin Bharat Ka Itihas - Delhi University: प्राचीन भारत का इतिहास - दिल्ली यूनिवर्सिटी

by Dwijendranarayan Jha Krishnamohan Shrimali

हिंदी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय की ओर से प्रो. द्विजेंद्रनारायण झा एवं प्रो. कृष्णमोहन श्रीमाली द्वारा संपादित पुस्तक प्राचीन भारत का इतिहास का 35वा पुनर्मुद्रण करवाया जा रहा है। इस पुस्तक में इतिहास की भौगोलिक पृष्ठभूमि, स्रोत, प्रागैतिहासिक, पुरातत्त्व, वैदिक साहित्य, ईसा पूर्व शताब्दी में धार्मिक आंदोलन, महाजन पदों के उदय व यूनानी आक्रमण, मौर्यकाल, गुप्तकाल, इत्यादि विषयों पर विस्तारपूर्वक लिखा गया है। इसमें न केवल पाठकों को ऐतिहासिक जानकारी उपलब्ध कराई गई है अपितु उसे उचित सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक परिवेश में भी संजोया गया है। लेखकों का प्रयास रहा है कि प्राचीन भारत के इतिहास का निष्पक्ष विश्लेषण कर सकें। इसके लिए उन्होंने तात्कालीन, सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक प्रणालियों का विश्लेषण तो किया ही है साथ ही उस समय के साहित्य का भी अवलोकन किया है ताकि कल्पना व तथ्य में समन्वय स्थापित किया जा सके ।

Prachin Evam Madhyakalin Bharat Ka Rajnitik Chintan - Delhi Vishvavidyalaya: प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत का राजनीतिक चिंतन - दिल्ली विश्वविद्यालय

by Dr Ruchi Tyagi

डॉ. रुचि त्यागी द्वारा संपादित 'प्राचीन एवं मध्यकालीन भारतीय राजनीतिक चिंतन: प्रमुख परम्पराएं एवं चिंतक' पुस्तक को इस कड़ी कापहला महत्वपूर्ण प्रयास माना जा सकता है । इसमें नये पाठ्यक्रम के अनुसार 'ब्राह्मणवादी, श्रमणीय, इस्लामी व समन्यवादी परम्पराओं' पर विस्तारपूर्वक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है । साथ ही, वेदव्यास द्वारा प्रतिपादित राजधर्म, मनु द्वारा प्रतिपादित सामाजिक दण्ड संहिता, कौटिल्य का सप्तांग सिद्धांत, अगन्न सुत्त का राजत्व संबंधी सिद्धांत तथा संत कबीर के समन्वयवाद पर नए अध्याय जोड़ दिए गए हैं ।

Prachin Evam Purva Madhyakalin Bharat Ka Itihas - Competitive Exam

by Upender Singh

इस पुस्‍तक में प्राचीन एवं पूर्व मध्‍यकालीन भारत का इतिहास में पाषाण काल से 12वी शताब्‍दी तक के सभी विषय उपस्थिति है।इस पुस्‍तक में विषय के मूलस्रोतों और शोध कार्यों से प्राप्‍त इतिहास को स्‍पष्‍ट किया गया है, जो विद्यार्थियों के लिए अच्‍छी जानकारी है। इस पुस्‍तक के इतिहास में दस अध्यायों में प्राग् ऐतिहासिक काल और आद्य इतिहास से लेकर प्राचीन एवं पूर्व मध्‍यकालीन इतिहास के समस्‍त विषय को रखा गया है। इस प्रकार सभी विषय के इतिहास बारे में विस्‍तार से जानकर विद्यार्थी उनकी आधुनिक समय में सदुपयोग कर एक अच्‍छे राष्‍ट्र की नींव रख सकते है।

Pradeshik Niyojan Tatha Vikas - Ranchi University, N.P.U: प्रादेशिक नियोजन तथा विकास - राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.

by Dr R. C. Chandana

प्रादेशिक नियोजन तथा विकास इस पुस्तक में यह प्रयास किया गया है कि भूगोल व प्रादेशिक नियोजन के छात्रों के अतिरिक्त नियोजक, अधिकारीगण व शोधकर्ता सभी को इससे कुछ-न-कुछ प्राप्त हो सके । पुस्तक के अन्त में दी गई पुस्तकों की सूची का मुख्य उद्देश्य यही है कि शोधकर्ता व नियोजकों को उन स्रोतों के बारे में भी जानकारी दी जाये जिनको इस पुस्तक की संकल्पना हेतु प्रयोग किया गया । यह पुस्तक नियोजकों, विकास प्रक्रिया में संलग्न विशेषज्ञों, नीतिकारों, अधिकारियों आदि सभी के लिए एक निर्देशिका का कार्य करेगी । इसी उद्देश्य से इस पुस्तक में प्रादेशिक नियोजन की कार्य-पद्धति व प्रौद्योगिकी पर अधिक ध्यान दिया गया है और उन्हें बहुत ही सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया गया है ।

Prakash Manu Ki Chuninda Bal Kahaniyan

by Prakash Manu

This book is a wonderful collection of selected stories of kids told by Prakash Manu. Kids get ready for an exciting and fun reading adventure.

Prarambhik Samashti Arthashastra (Core Course 3) B.A (Hons.) Sem-II -Ranchi University, N.P.U

by J. P. Mishra

Prarambhik Samashti Arthashastra text book According to the Latest Syllabus based on Choice Based Credit System (CBCS) for Sem-II (Core Economics Course 3) from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Prasiddh Jatak Kathayen

by Shyam Dua

Jataka stories in the world of fiction is regarded as important because of these unique materials stocks.In view of the subject, these stories practical cleverness, imagination Pshupakshi, Recreation, adventure and strategy is linked to interesting description.

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