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Paap Punya: पाप पुण्य
by Dada Bhagwanपाप या पुण्य, जीवन में किये गए किसी भी कार्य का फल माना जाता है| इस पुस्तक में दादाश्री हमें बहुत ही गहराई से इन दोनों का मतलब समझाते हुए यह बताते है कि, कोई भी काम जिससे दूसरों को आनंद मिले और उनका भला हो, उससे पुण्य बंधता है और जिससे किसीको तकलीफ हो उससे पाप बंधता है| हमारे देश में बच्चा छोटा होता है तभीसे माता-पिता उसे पाप और पुण्य का भेद समझाने में जुट जाते है पर क्या वह खुद पाप-पुण्य से संबंधित सवालों के जवाब जानते है? आमतौर पर खड़े होने वाले प्रश्न जैसे- पाप और पुण्य का बंधन कैसे होता है? इसका फल क्या होता है?क्या इसमें से कभी भी मुक्ति मिल सकती है?यह मोक्ष के लिए हमें किस प्रकार बाधारूप हो सकता है? पाप बांधने से कैसे बचे और पुण्य किस तरह से बांधे?|||इत्यादि सवालों के जवाब हमें इस पुस्तक में मिलते है| इसके अलावा, दादाजी हमें प्रतिक्रमण द्वारा पाप बंधनों में से मुक्त होने का रास्ता भी बताते है| अगर हम अपनी भूलो का प्रतिक्रमण या पश्चाताप करते है, तो हम इससे छूट सकते है| अपनी पाप –पुण्य से संबंधित गलत मान्यताओं को दूर करने और आध्यात्मिक मार्ग में प्रगति करने हेतु, इस किताब को ज़रूर पढ़े और मोक्ष मार्ग में आगे बढ़े|
Paatdeyi
by Veenapani Mohanti Deepti PrakashStories in Paatdeyi are the result of the contemporary social conditions of the lower middle and middle classes in Odisha. Veenapani shows the deep understanding of the neglected sections of the society.
Padho To Aise Padho: पढ़ो तो ऐसे पढ़ो
by Vijay Agrawalसच्चे सुख की चाह में व्यक्ति को आत्म-साक्षात्कार की स्थिति प्राप्त करनी चाहिए। मानव मन अनंत संभावनाओं से भरा है। इन संभावनाओं को तभी महसूस किया जा सकता है जब हमारे पास पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़ने की क्षमता है और अभी तक अप्रयुक्त, शायद हमारे मस्तिष्क की सुप्त क्षमता का लाभ उठा सकते हैं। यह पुस्तक अध्ययन करने के तरीके पर एक नया और वैकल्पिक दृष्टिकोण प्रदान करती है।One must attain a state of self-actualization in the pursuit of true happiness. The human mind is full of endless possibilities. These possibilities can only be actualized when we have the ability to step beyond conventional methods of thinking and leverage the yet untapped, perhaps even dormant potential of our brain. This book provides a new and alternative approach on how to study.
Padmini
by Pandit Damodar ShastriPandit Damodar has created this play based on the life of Queen Padmini who is a legend from Rajasthan.
Pahala Ghar(The First House)
by Jane Sahi'पहला घर' दो दोस्तों की कहानी है। वह अपने लिए एक घर बनाना चाहते थे। जो प्रत्येक मौसम में उन्हें सुरक्षित रखे। दोनों दोस्त हाथी,साँप, भैंस, मछली के बताये तरीकों से अपने लिए एक घर तैयार करते है। 'The first house' is the story of two friends. They wanted to make a home for themselves. Which should keep them safe in all seasons. They prepare their home with the help of elephants, snakes, buffalo, fish in their recommended ways.
Paiso Ka Vyavhaar (Granth): पैसों का व्यवहार (ग्रंथ)
by Dada Bhagwanहमारे जीवन में पैसों का अपना महत्व है। यह संसार पैसों और जायदाद को सबसे महत्वपूर्ण चीज मानता है। कुछ भी करने के लिए पैसा ज़रूरी है इसलिए लोगों को पैसों के प्रति अधिक प्रेम है। इसी कारण दुनिया में चारों और नैतिक या अनैतिक तरीके से अधिक से अधिक पैसा प्राप्त करने की लड़ाइयाँ हो रही हैं। पैसों और जायदाद के असमान बंटवारे को लेकर लोग परेशान हैं। इस भयंकर कलयुग में पैसों के बारे में नैतिक और ईमानदार रहना बहुत मुश्किल है ज्ञानी पुरुष परम पूज्य दादा भगवान ने पैसों की दुनिया को जैसा देखा है, वैसी दुनिया से संबंधित पैसे दान और पैसों के उपयोग से संबंधित खुद के विचार रखे हैं। उनके बताए अनुसार पैसे पिछले जन्मों के पुण्य का फल है जब आप औरों की मदद करते हैं तब आपके पास धन संपत्ति आती है, उसके बिना नहीं। जिन्हें दूसरों के साथ बांटने की इच्छा है उन्हें धन संपत्ति प्राप्त होती है। चार प्रकार के दान हैं - अन्न दान औषध दान, ज्ञान दान और अभय दान। पैसों के विज्ञान का विज्ञान नहीं समझने के कारण पैसों के लिए लोभ उत्पन्न हुआ है जिसके कारण जन्म के बाद जन्म होते रहते हैं। अतः इस पुस्तक को पढ़ें समझें और पैसों से संबंधित आध्यात्मिक विचार ग्रहण करें।
Paiso Ka Vyvahaar (Sanxipt): पैसों का व्यवहार (संक्षिप्त)
by Dada Bhagwanएक सुखी और अच्छा जीवन बिताने हेतु, पैसा हमारा जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है| पर क्या कभी आपने यह सोचा है कि, ‘ क्यों किसी के पास बहुत सारा पैसा होता है और किसी के पास बिल्कुल नहीं?’ परम पूज्य दादाजी का हमेशा से यही मानना था कि, पैसों के व्यवहार में नैतिकता बहुत ही ज़रूरी है| अपने अनुभवों के आधार पर और ज्ञान की मदद से वह पैसों के आवन-जावन, नफा-नुक्सान, लेन-देन आदि के बारे में बहुत ही विगतवार जानते थे| वह कहते थे कि मन की शान्ति और समाधान के लिए किसी भी व्यापार में सच्चाई और ईमानदारी के साथ नैतिक मूल्यों का होना भी बहुत ही ज़रूरी है| जिसके बिना भले ही आपके पास बुहत सारा धन हो पर अंदर से सदैव चिंता और व्याकुलता ही रहेगी| अपनी वाणी के द्वारा दादाजी ने हमें पैसों के मामले में खड़े होने वाले संघर्षों से कैसे मुक्त हो और किस प्रकार बिना किसी मनमुटाव के और ईमानदारी से, अपना पैसों से संबंधित व्यवहार पूरा करे इसका वर्णन किया है जो हम इस किताब में पढ़ सकते है|
Palasi se Vibhajan Tak: Adhunik bharat ka itihas
by Shekhar BandhyopadhyayThis is the history of India under British rule. It is more concerned with the people rather than the rulers. It gives a beautiful description as to how a nation was emerging even in the presence of lots of contradiction. The writer has adopted innovative way of writing history and most of the time he is on middle path. This is an authentic description of ups and down of Indian nationalism
Panchali: पाञ्चाली
by Shachi Mishraद्रौपदी, नारी की सशक्त गाथा है। हज़ारों वर्षों से स्त्री, टुकड़ों-टुकड़ों में द्रौपदी को जी रही है... कहीं वह अपमान और लांछना सहती है, तो कहीं पुरुष के भीतर की ऊर्जा बनती है। कहीं त्याग से उसके उत्थान की सीढ़ी बनती है, तो कहीं पुरुष के अहं के आगे विवश हो जाती है। पाँच पुरुषों को वरण करने वाली द्रौपदी, अपने पतियों के कारण कुरु-सभा में अपमानित हुई, उसके उपरांत भी उसने 'वरदान' शब्द में लिपटी दया के माध्यम से उनको दासता से मुक्त करवाया और उनके अस्तित्व, स्वाभिमान और शक्ति की रक्षा के लिए ऊर्जा प्रदान करती वन-वन भटकती रही। पंच-पतियों के प्रति सेवा, भाव, निष्ठा और कर्तव्य-निर्वाह के कारण जहाँ एक ओर सती के आसन पर विराजमान हुई... वहीं पंच-पति वरण के कारण एक युग के पश्चात् भी व्यंग्य, विद्रुप का पात्र बनी रही। विचित्र है उसका जीवन; किन्तु विचित्रता और अंतर्विरोध के बीच वह सदैव विशिष्ट रही। कृष्ण उस युग-पुरुष के लिए किस कन्या के हृदय में आकर्षण नहीं रहा होगा... फिर कृष्णा कैसे अपवाद रहती। नियति ने भी तो नाम को माध्यम बना दिया था। कृष्णा और कृष्ण के अलौकिक प्रेम और सख्यभाव को कुरु-सभा में अपमान के साथ उद्धृत किया गया, किन्तु उस प्रीति का निर्वाह भी उसी सभा में ही हुआ। जब सारा लौकिक जगत् बहरा हो गया था, तब सैकड़ों कोस दूर, उसी अलौकिक प्रीति ने उसकी पुकार को सुना और उसके सम्मान की रक्षा की। सख्यभाव और निकट हृदय-संबंध का दूसरा उदाहरण इस लौकिक जगत् में अन्यत्र नहीं दिखाई देता है और यही प्रीति पाज्चाली के हृदय की ऊर्जा का स्रोत भी रही।
Papi Dharmatma: पापी धर्मात्मा
by Omprakash Sharmaजनप्रिय लेखक ओमप्रकाश शर्मा जी का लेखन एक अलग संसार की रचना करता है। एक ऐसा संसार जिसमें जीवन का स्पंदन और मानवता का रंग अपने सकारात्मक आयाम में उभरता है। ‘पापी धर्मात्मा’ एक ऐसे नायक कि कथा है जो परिस्थितिवश जासूस से आध्यात्मिक राह पर चलकर योगी बन जाता है। अपने जीवन में वह योगी बनने के उपरान्त क्या करता है, और क्यों करता है, यह देखना पाठक के अंतर्मन की परतों को कुछ इस प्रकार उद्घाटित करता है कि उपन्यास के अंत तक वह अनिवर्चनीय आनंद से संतुष्ट हो उठता है। यह छोटा सा उपन्यास एक जीवन दर्शन दे जाता है। इस उपन्यास को पढ़कर मानवता का सही अर्थ आप सहज ही जान सकेंगे। राजनीति की दशा और दिशा भी जान सकेंगे। आज के समय में पनप रही व्यग्रता के मध्य यह उपन्यास एक प्रकाश स्तंभ के समान आपकी सोच को सही दिशा दे सकेगा। ये एक अलग किस्म का उपन्यास है। एक समग्र वक्तव्य है।
Paramparik Samanya Gyan Evam Khel Kood Railway Group D (Competitive Exam)
by Indic TrustThe book on General Knowledge and Sports is very important for the candidates so that they can understand the basics and compare them with the latest news and current affairs on sports. Learning G.K and Sports is day to day process but basics help the students to understand what to study.
Parbat Ka Pret
by Sujata Padmanabhanहिमालय की गोद में बसे लद्दाख के एक छोटे से गाँव, आंग के बाशिन्दे ने एक सुबह, एक अनूठे मेहमान को अपने बीच पाया। गाँववाले गुस्से में हैं, बहुत गुस्से में। ओर वे इस मेहमान को मार डालने की धमकी दे रहे हैं। पूरे गाँव में बस एक ही नौजवान है जिसे लगता है कि मेहमान को छोड़ दिया जाना चाहिए। पर वह अकेला करे क्या? पढ़ो और पता लगाओ... A small village nestled in the lap of the Ladakh, Himalayas, Ladakh, Ang one fine morning, people found among them a unique guest. Villagers are angry, very angry. And they are threatening to kill the guest. There is just one young man who thinks that it must be left alone. Read on and find out what happen ...
Pariyavaran Adhyan class 11 - MP Board: परियावरन पालन कक्षा 11 - एमपी बोर्ड
by Madhya Pradesh Rajya Shiksha MandalParyavaran Adhyan text book for 11th standard from Madhya pradesh rajya shiksha mandal in Hindi.
Pariyavaran Adhyan class 12 - MP Board: परियावरन पालन कक्षा 12 - एमपी बोर्ड
by Madhya Pradesh Shiksha MandalParyavaran Adhyan text book for 12 th standard from Madhya pradesh rajya shiksha mandal for paryavarm shiksha kendra in Hindi.
Pariyavaran Adhyayan class 5 - RBSE: परियावरन अधयन कक्षा 5 - आरबीएसई
by Rajasthan State Textbook BoardParyavaran Adhyayan (EVS) Textbook for Class 5
Pariyavaran Adhyayan class 5 - RBSE Board: पर्यावरण अध्ययन कक्षा 5 - आरबीएसई बोर्ड
by Rajsthan Rajya Pathyapustak Mandal Jaipurप्रस्तुत पुस्तक का निर्माण एन.सी.एफ. 2005 के मार्गदर्शक सिद्धान्त, एन.सी.ई.आर.टी एवं अन्य राज्यों के पाठ्यक्रम व पाठ्यपुस्तकों का अध्ययन कर किया गया है। इसके अनुसार विद्यार्थी में ज्ञान निर्माण हेतु अनुभवों के विश्लेषण करने, स्वयं करके सीखने, समझने, व्याख्या करने, सूचनाएँ एकत्र कर स्वयं से संवाद स्थापित करने में सक्षम बन सकेगा।। शिक्षक का दायित्व होगा कि वह यह समझे कि विद्यार्थियों को कब, कहाँ और क्या मार्गदर्शन देना है। शिक्षक सुविधादाता/सहयोगकर्ता के रूप में अपनी भूमिका पुख्ता करें ताकि बच्चों को सोचने, समझने, और स्वयं निष्कर्ष तक पहुँचने में सहायता मिल सके। समाज में जिन मूल्यों को महत्त्व दिया जा रहा है, उन मूल्यों को वे आत्मसात कर अपने व्यवहार में ला सकें। इस कार्य हेतु पर्यावरण अध्ययन की पुस्तक "अपना परिवेश" के शिक्षण में शिक्षकों को निम्नांकित बिंदुओं पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि इन्हीं बातों का पुस्तक लेखन में भी ध्यान रखा गया है।
Pariyavaran Vigyan 1 class 11 - RBSE Board: पर्यावरण विज्ञान 1 कक्षा 11 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerपर्यावरण विज्ञान 1 कक्षा 11वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है, प्रस्तुत पुस्तक में आधुनिक काल में मनुष्य की आवश्यकताओं में वृद्धि तथा औद्योगीकरण, शहरीकरण व वैश्वीकरण के चलते पर्यावरण का अत्यन्त नुकसान हो गया है । इसके दुष्परिणाम भी हमारे सामने भूकम्प, अतिवृष्टि, बाढ़, सुनामी, अव्यवस्थित ऋतु चक्र के रूप में आ रहे हैं । पर्यावरण की समस्याओं के सम्बन्ध में जनमानस को जागृत करना अत्यन्त आवश्यक है । प्रत्येक व्यक्ति अपना दायित्व समझे तो ही पर्यावरण संरक्षण की चेतना जनमानस में जागृत की जा सकती है । कक्षा 11 की पुस्तक में विद्यार्थियों के लिए स्तरीय, प्रासंगिक, रोचक, सहज व सरल सामग्री सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है । आशा है कि इस पाठ्यपुस्तक के माध्यम से वर्तमान परिवेश में पर्यावरण विज्ञान के विभिन्न आयामों को समझने में सहायता मिलेगी ।
Pariyavaran Vigyan class 12 - RBSE Board: पर्यावरण विज्ञान कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerपर्यावरण विज्ञान इस पाठ्यपुस्तक मे वायुमण्डल (Atmosphere), जैवमण्डल (Biosphere), स्थलमण्डल (Lithosphere) एवं जलमण्डल (Hydrosphere), पर्यावरण के ये चार घटक दिखाये है। विभिन्न प्रकार के प्रदूषण, अम्ल वर्षा, जैव विविधता का ऱ्हास, सूखा, अकाल एवं बाढ़ जैसी पर्यावरणीय समस्याएं बताई है।
Paryavaran Aur Hum class 7 - JCERT: पर्यावरण और हम ७वीं कक्षा - जेसीईआरटी
by Jharkhand Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Ranchi"पर्यावरण और हम" पुस्तक झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा प्रकाशित की गई है। यह सातवीं कक्षा के भूगोल विषय पर आधारित है और छात्रों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से लिखी गई है। पुस्तक में प्राकृतिक एवं मानव निर्मित पर्यावरण की जानकारी दी गई है, जिसमें स्थलमंडल, जलमंडल, वायुमंडल, जैवमंडल आदि विषयों का विस्तार से वर्णन किया गया है। प्राकृतिक पर्यावरण में भूमि, जल, वायु, पेड़-पौधे और जीव-जंतु शामिल होते हैं, जबकि मानव निर्मित पर्यावरण में इंसानों द्वारा बनाई गई वस्तुएँ जैसे सड़क, घर, और मशीनें शामिल हैं। पुस्तक में पर्यावरण प्रदूषण के विभिन्न प्रकार जैसे वायु, जल और भूमि प्रदूषण के कारण और उनके निवारण के उपाय भी बताए गए हैं। इसमें जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों पर भी चर्चा की गई है। पुस्तक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह बताता है कि कैसे हम छोटे-छोटे कदमों से पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकते हैं। जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के उद्देश्य से यह पुस्तक विद्यार्थियों के लिए बेहद उपयोगी है। छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदार और जागरूक नागरिक बनाने के लिए इसमें शिक्षकों के सहयोग और सहभागिता को भी महत्वपूर्ण बताया गया है।
Paryavaran Shikshan: पर्यावरण शिक्षण: भारत में रुझान एवं प्रयोग
by Chong Shimrayयह पुस्तक पर्यावरण शिक्षा में बुनियादी समझ के साथ-साथ स्कूली पाठ्यक्रम में इसे शामिल करने के लिए मूल्यवान दिशानिर्देश भी प्रदान करती है। पर्यावरण शिक्षा शिक्षण: भारत में रुझान और प्रथाएं अध्ययन के सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं को समझाने और भारतीय स्कूल पाठ्यक्रम में पर्यावरण शिक्षा को शामिल करने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाता है। यह स्कूली पाठ्यक्रम में एक आवश्यक घटक के रूप में पर्यावरण शिक्षा के महत्व को स्थापित करता है और नीतियों और रणनीतियों के सफल विकास और कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण रोड मैप का सुझाव देता है। ऐसा करने में, पुस्तक पर्यावरण शिक्षा, पर्यावरण विज्ञान और पर्यावरण अध्ययन के बीच महत्वपूर्ण संबंधों को भी स्पष्ट करती है और शिक्षा कैसे सतत विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
Paschatya Pratinidhi Rajnitik Vicharak: पश्चत्य प्रतिनिधि राजनीति विचारक
by Dr B. L. Fadia Dr Kuldeep Fadiaराजनीति विज्ञान की यह पुस्तक विभिन्न विश्वविद्यालयों की बी. ए. (तृतीय वर्ष) कक्षा के लिए है। इस मे कुल 180 पेज है। इस पुस्तक के आखरी मे वस्तुनिष्ठ प्रश्न है जिसमे गत वर्ष परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न उत्तर सहित दिए गए है।
Pashchatya Darshan ka Sameekshatmak Itihas - Competitive Exam
by Y. Masihइस पुस्तक में दर्शन को वैचारिक कला माना गया है। इसी दृष्टिकोण दार्शनिकों ने पाश्चात्य दर्शन में तीन भागों में अलग -अलग विषय को स्पष्ट किया है। भाग-1 में यूनानी दर्शन का स्वरूप, पढ़ने की आवश्यकता उनका आरम्भ और विशेषताएँ बतायी गयी है। प्रकृतिवादी यूनानी दर्शन मानव केन्दित दर्शन उनके विचार, दर्शन का तंत्र का युग का स्पष्टीकरण किया है पाश्चात्य दर्शन के दार्शनिकों में सुकरात, प्लेटो और अरस्तु के दर्शन विषय का महत्व मुख्य है। भाग-2 के मध्ययुगीन दर्शन में जौन स्कोटस एरिजिना, संत अगास्टिन का ईसाई वचन, ज्ञान मीमांसा, ईश्वर ज्ञान ईश्वर का स्वरूप और अशुभ की समस्या, मानव विचार, आधुनिक दर्शन की ओर धर्म मीमांसा संकल्प और बुद्धि आदि विषयों का विस्तार से स्पष्टीकरण किया है। भाग-3 में आधुनिक दर्शन की विशेषताएँ, दार्शनिक बुद्धिवाद, ज्ञान मीमांसीय बुद्धिवाद, जाति दोष या भ्रम चलती भाषा से उत्पन्न दोष आदि विषय बताये गये है। इसके अतिरिक्त रेने दकार्त, ग्रेटफ्रिड विल्हेल्म लाइबनित्स, जौन लॉक, जार्ज बर्कले, डेविस ह्यूम और इमानुएल काण्ट आदि दार्शनिकों ने अलग अलग विषय पर समीक्षात्मक विचार प्रस्तुत किये है। जिसको पढ़कर छात्रों को बहुत सी नयी जानकारी मिलती है और अपने जीवन को सफल बना सकते है।
Pashchatya Rajniti Vicharak (Western Political Thinkers) - Ranchi University, N.P.U
by Om Gaubaपाश्चात्य राजनीति-विचारक (Western Political Thinkers) पुस्तक राजनीति विज्ञान की स्नातकोत्तर कक्षाओं के लिए प्रस्तुत की गई है। प्रस्तुत पुस्तक में प्लेटो, अरस्तू, संत टॉमस एक्वीनास, मार्सीसियो ऑफ़ पेडुआ, मेकियावेली, हॉब्स, लॉक, रूसो, माण्टेस्क्यू, बेन्थम, जे. एस. मिल, हीगल, ग्रीन, कार्ल मार्क्स, लेनिन, माओ त्से तुंग, नव वामपथ, जॉन राल्स, नौजिक तथा ज्यां पॉल सात्र्र जैसे पाश्चात्य राजनीतिक विचारकों के चिन्तन का विस्तार से उल्लेख किया गया है। प्रस्तुत पुस्तक का प्रयोजन बस यही है की विद्यार्थी को एक ही स्थान पर विविध बिखरी हुई सामग्री उच्च स्तर की पुस्तक में उपलब्ध हो जाये। पुस्तक की भाषा सरल शैली रोचक एवं बोधगम्य है ताकि हिंदी माध्यम से परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को यह विषय बोझ प्रतीत न हो।
Pashchatya Vishwa (15vi shtabdi ke madhya se 1870 tak) F.Y.B.A. M.P. University
by R. Agarwal A. K. Mittalपाश्चात्य विश्व 15वीं शताब्दी के मध्य से 1870ई. तक Western World Book मध्य प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में बी.ए. (इतिहास) प्रथम वर्ष के द्वितीय प्रश्न-पत्र के लिए निर्धारित नए वार्षिक पद्धाति के अनुसार पाठ्यक्रम पर आधारित है। नवीनतम् जानकारी व सरल भाषा होने के साथ-साथ पुस्तक में स्पष्ट मानचित्रा (Maps) व तालिकाआ (Charts) के द्वारा क्लिष्ट विषयों को भी विद्यार्थियों को समझने के अनुकूल बनाया गया है। पुस्तक पूर्णतया नवीन पाठ्यक्रम के अनुरूप है। प्रत्येक अध्याय से सम्बन्धित लघु एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्न भी दिए गये हैं।
Pashchimee Asia Ka itihaas Generic Elective-III -B.A (Hons.) Sem-III Ranchi University, N.P.U
by Nilambar Vishvavidyalay Ranchi VishvavidyalayPashchimee Asia Ka itihaas Generic Elective-III text book for B.A (Hons.) Sem-III from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.