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Kurukshetra June 2024: कुरुक्षेत्र जून २०२४

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कुरुक्षेत्र जून 2024 अंक जनजातीय कला, संस्कृति, और उनके संरक्षण के लिए वैज्ञानिक प्रयासों पर केंद्रित है। यह अंक जनजातीय समुदायों की समृद्ध परंपराओं, लोककला, और पर्यावरण के साथ उनके गहरे संबंध को रेखांकित करता है। बांस आधारित तकनीकों, जैसे जल टॉवर और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से, जनजातीय आजीविका और सतत विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अभिनव उपयोग से इनकी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इस अंक में सांस्कृतिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, और जनजातीय ज्ञान की प्रासंगिकता को विस्तार से समझाया गया है।

Kurukshetra March 2022: कुरूक्षेत्र मार्च 2022

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कुरुक्षेत्र मार्च 2022 हिंदी में प्रकाशित होने वाली एक मासिक पत्रिका है। पत्रिका ग्रामीण पुनर्निर्माण और ग्रामीण लोकतंत्र के सभी पहलुओं के लिए समर्पित है। पत्रिका में ग्रामीण विकास पर शिक्षाप्रद और सूचनात्मक लेख हैं और यह विद्वानों, शिक्षाविदों और सिविल सेवाओं और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उपयोगी है।

Kurukshetra March 2023: कुरुक्षेत्र मार्च २०२३

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कुरूक्षेत्र मार्च 2023 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु ग्रामीण भारत का 2023-24 का बजट हैं।

Kurukshetra March 2024: कुरुक्षेत्र मार्च २०२४

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कुरुक्षेत्र मार्च २०२४ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु “लाभदायक खेती” हैं। खेती को लाभदायक बनाने के लिए नवीनतम कृषि तकनीकों को अपनाने के साथ-साथ कृषि लागत में कमी करना और उत्पादन बढ़ाना बेहद जरूरी है जिसके लिए मिट्टी की जांच, जैविक खादों का अधिक उपयोग, उन्नतशील प्रजातियों के बीजों को प्रयोग में लाना, अधिक मुनाफा देने वाली फसलों का चयन, फसल विविधीकरण और फसल चक्र अपनाने जैसे कुछ महत्वपूर्ण सुझाव इस अंक में विशेषज्ञों द्वारा दिए गए हैं। उम्मीद है कि इस अंक में शामिल खेती को लाभदायक बनाने के सुझाव और सफलता की कहानियाँ सुधि पाठकों को उत्साहित और प्रेरित करेंगी।

Kurukshetra May 2022: कुरूक्षेत्र मई 2022

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कुरुक्षेत्र हिंदी मई 2022 ग्रामीण विकास को समर्पित "ग्रामीण सम्पर्क" विशेष मासिक पत्रिका

Kurukshetra May 2023: कुरुक्षेत्र मई २०२३

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कुरूक्षेत्र मई 2023 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु ग्रामीण शिल्प हैं।

Kurukshetra November 2022: कुरुक्षेत्र नवंबर 2022

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कुरुक्षेत्र नवंबर 2022 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु विज्ञान और तकनीक हैं।

Kurukshetra November 2023: कुरुक्षेत्र नवम्बर २०२३

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कुरुक्षेत्र नवम्बर २०२३ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु ग्रामीण भारत में प्रतिभा हैं। संक्षेप में, ज़मीनी स्तर की उद्यमशीलता में ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने और आर्थिक विकास को गति देने की अपार संभावनाएं हैं। हालांकि इस परिवर्तन के लिए सरकार, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र सहित सभी हितधारकों के ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। साथ मिलकर, हम ग्रामीण भारत को सशक्त बना सकते हैं, इसकी वास्तविक क्षमता को उजागर कर सकते हैं और सभी के लिए अधिक समावेशी और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।

Kurukshetra November 2024: कुरुक्षेत्र नवम्बर २०२४

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कुरुक्षेत्र नवंबर 2024 अंक सामाजिक सुरक्षा और ग्रामीण विकास पर केंद्रित है। इसमें खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य बीमा, रोजगार अधिकार, और वरिष्ठ नागरिकों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, किसानों, दिव्यांगजनों, और महिलाओं के लिए चल रही योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई है। यह अंक डिजिटल तकनीकों के उपयोग और सरकारी नीतियों के माध्यम से सामाजिक कल्याण को मजबूत करने के प्रयासों को रेखांकित करता है। साथ ही, सामाजिक न्याय और समतामूलक समाज के निर्माण में इन योजनाओं की भूमिका को विश्लेषित किया गया है।

Kurukshetra October 2022: कुरुक्षेत्र अक्टूबर 2022

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कुरुक्षेत्र अक्टूबर 2022 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु कृषि उद्यमिता हैं।

Kurukshetra October 2023: कुरुक्षेत्र अक्तूबर २०२३

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कुरुक्षेत्र के इस अंक में भारत के हरित भविष्य की रूपरेखा पर चर्चा की गई है। पहला लेख केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री का है, अपने लेख में उन्होंने भारत सरकार के 'स्वच्छ और हरित गाँव' विजन को प्रस्तुत किया है। भारतीय गाँव के हरित आवरण का संरक्षण, हरित गाँव के लिए जल का महत्व, पराली प्रबंधन और हरित विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विशेषज्ञ लेखकों के लेख इस अंक में शामिल हैं।

Kurukshetra Saptember 2022: कुरुक्षेत्र सितंबर २०२२

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कुरुक्षेत्र सितंबर 2022 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु जनजातीय जीवन एवं संस्कृति हैं।

Kurukshetra September 2023: कुरुक्षेत्र सितंबर २०२३

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कुरुक्षेत्र के इस अंक में मेक इन इंडिया पर चर्चा की गई है। भारत सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप देश के आर्थिक विकास में तेजी आई है और अंतर्राष्ट्रीय मंदी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। संक्षेप में, मेक इन इंडिया पर आधारित इस अंक में इस अभियान की 9 वर्षों की विकास यात्रा का आकलन करने के साथ-साथ इसके मार्ग में आ रही चुनौतियों और उपलब्धियों को भी प्रस्तुत किया है। साथ ही, मेक इन इंडिया को साकार करने के लिए सरकार द्वारा की गई पहलों का भी विश्लेषण विशेषज्ञ लेखकों द्वारा किया गया है।

Kurukshetra September 2024: कुरुक्षेत्र सितम्बर २०२४

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कुरुक्षेत्र सितंबर 2024 अंक ग्रामीण विकास और केंद्रीय बजट 2024-25 पर केंद्रित है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बजट में किए गए प्रावधानों, जैसे कृषि, रोजगार, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, और उद्यमिता को विस्तार से प्रस्तुत करता है। इस अंक में मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं की प्रासंगिकता पर चर्चा की गई है। यह अंक सतत विकास और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता देते हुए, ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सुधार और रोजगार सृजन के प्रयासों को रेखांकित करता है, जो 'विकसित भारत' के निर्माण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

Kya Hua!

by Jagdish Joshi

जगदीश जोशी द्वारा प्रकाशित यह पुस्‍तक चीकू नाम के बंदर पर आधारित कहानी है। The book published by Jagadish Joshi, is a story based on the monkey named Chiku.

Lachhaman Gun Gatha: लछमन गुन गाथा

by Rajendra Arun and Vinod Bala Arun

लछमन गुन गाथा एक किताब है जिसमें लक्ष्मण के जीवन और चरित्र का चित्रण किया गया है. इस किताब के बारे में कुछ लोगों का कहना है कि यह बहुत अच्छी है और इससे चरित्र को मज़बूत करने की ताकत मिलती है. इस किताब में लक्ष्मण को महापराक्रमी, श्रेष्ठ योद्धा, बुद्धिमान, धर्मज्ञ, नीतिज्ञ, शास्त्रज्ञ, वाक्-निपुण, दूरदर्शी, सेवाव्रती, आत्मवान्, जितेंद्रिय, परम संयमी, वैराग्यवान् और सदाचारी बताया गया है.

Lahar: लहर

by Jaishankar Prasad

“लहर” जयशंकर प्रसाद के प्रौढ़ रचनाकाल की सृष्टि है। इस संग्रह में कवि की सर्वोत्तम कविताएँ संकलित हैं। यह प्रसाद जी का ऐसा एकमात्र कविता-संग्रह है जिसकी किसी कविता में प्रथम, द्वितीय या तृतीय किसी संस्करण में कोई परिवर्तन नहीं किया गया। प्रौढ़ता का विश्वास इसके प्रकाशकीय ('सूचना)' में भी झलकता है। 'सूचना' में लिखा गया था कि साहित्य क्षेत्र में यह संग्रह यदि अपना विशेष गौरव स्थापित करे तो हमें आश्चर्य न होगा, क्योंकि अनेक दृष्टियों से यह संग्रह कविता मर्मज्ञों को अपनी ओर आग्रहपूर्वक देखने के लिए बाध्य करेगा।

Lahar Bhag 2 Dviteey Bhasha Hindi class 7 - Andhra Pradesh Board: लहर भाग २ द्वितीय भाषा हिंदी ७वीं कक्षा - आंध्र प्रदेश बोर्ड

by State Council of Educational Research and Training Andhra Pradesh

कक्षा 7 की हिंदी पाठ्यपुस्तक "लहर" भाषा और नैतिक शिक्षा का उत्कृष्ट मिश्रण है। इसमें कविताओं, कहानियों और निबंधों के माध्यम से हिंदी भाषा कौशल (सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना) को सशक्त करने पर जोर दिया गया है। पुस्तक में ज्ञान हम को दीजिए, होशियार कौआ, हम नन्हें बच्चे, और ईमानदारी का फल जैसे पाठ नैतिक मूल्यों जैसे सत्य, ईमानदारी, और देशभक्ति की प्रेरणा देते हैं। आदिवासी नृत्य - धिंसा और कोंडापल्ली की यात्रा जैसे पाठ सांस्कृतिक विविधता और पर्यटन के महत्व को दर्शाते हैं। साथ ही, कबीर के दोहे और सफलता का मंत्र जीवन में दिशा दिखाने का कार्य करते हैं। हर पाठ के साथ अभ्यास, व्याकरण, और परियोजना कार्य छात्रों को रचनात्मक और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करते हैं। यह पुस्तक भाषा सीखने के साथ-साथ आदर्श नागरिक बनने की प्रेरणा देती है।

Lahar Dviteey Bhasha Hindi class 6 - Andhra Pradesh Board: लहर द्वितीय भाषा हिंदी ६वीं कक्षा - आंध्र प्रदेश बोर्ड

by State Council of Educational Research and Training Andhra Pradesh

कक्षा 6 और 7 की हिंदी पाठ्यपुस्तकों "लहर" का मुख्य उद्देश्य छात्रों में हिंदी भाषा के प्रति रुचि और सृजनात्मकता उत्पन्न करना है। इन पुस्तकों में बाल गीत, कहानियाँ, कविताएँ, और व्याकरणिक अभ्यासों को शामिल किया गया है। उदाहरण स्वरूप, "प्यासा कौआ," "साबरमती का संत," "दो मित्र" जैसी कहानियाँ नैतिक मूल्यों जैसे ईमानदारी, परिश्रम और मित्रता को दर्शाती हैं। बाल कविताएँ जैसे "आओ बच्चे," "मेरी बहना," "तरकारी दरबार" सरल शब्दों में जीवन और प्रकृति का महत्व समझाती हैं। पाठों के अंत में व्याकरण, वर्णमाला, और लेखन अभ्यास दिए गए हैं, जो छात्रों के भाषा कौशल को मजबूत करते हैं। साथ ही, पुस्तक में त्रिभाषा सूत्र का पालन करते हुए सुनने, बोलने, पढ़ने और लिखने के कौशल के विकास पर जोर दिया गया है। चित्रों और खेल-आधारित गतिविधियों से छात्रों का भाषा सीखना रोचक और प्रभावी बनाया गया है। ये पुस्तकें छात्रों को रचनात्मकता, नैतिकता और सामाजिक मूल्यों की शिक्षा प्रदान करती हैं, जो उन्हें आदर्श नागरिक बनने में सहायता करती हैं।

Lakshya!: लक्ष्य!

by Brian Tracy

ऐसा क्यों होता है कि कुछ लोग जीवन में सारे लक्ष्य प्राप्त कर लेते हैं जबकि कुछ लोग उनके बारे में सिर्फ सोचते ही रह जाते हैं। इस पुस्तक के द्वारा प्रसिद्ध लेखक ब्रायन ट्रेसी ने सरल, उपयोगी और प्रेरणादायी 21 नियमों द्वारा संपूर्ण सफलता की राह बताई है जिस पर चलकर लाखों लोगों ने सफलता प्राप्त की है। ये नियम न सिर्फ सफलता की कुंजी हैं बल्कि आपका आत्मविश्वास और व्यक्तित्व निखारने में भी सफल साबित होंगे।

Lal Mitti Kee Karamaat

by Susheelkumar Fulla

सुशीलकुमार फुल्ल दवारा रचित यह पुस्तक स्वतन्त्रता सेनानी भगतसिंह की कहानी पर आधारित है। This book written by Susheelkumar Fulla, is based on the story of freedom fighter Bhagat Singh

Lal Pari

by Ranjana Phatepurkar

रंजना फतेपुरकर द्वारा रचित पुस्‍तक लाल परी गुलाब के फूल की काल्‍पनिक कहानी पर आधारित है। The book written by Ranjana Phatepurkar is based on imagenative story of the flower rose.

Lallu - Novel: लल्लू - उपन्यास

by Ved Prakash Sharma

एक ऐसा हैरतअंगेज किरदार जिसे लल्लू कहते थे। पुलिस इंस्पेक्टर केकड़ा के इलाके में घटने वाली घटनाओं को ताड़ने में कामयाब रहा जिन्हें 'एडवांस' में सूंघने में केकड़ा को महारथ हासिल थी। भारत के सबसे ज्यादा बिकने वाले लेखक का नया शाहकार – लल्लू

The Last Girl: द लास्ट गर्ल

by Nadia Murad

नादिया मुराद एक साहसी यज़ीदी युवती हैं जिन्होंने आईएसआईएस की कैद में रहते हुए यौन उत्पीड़न और अकल्पनीय दुख सहन किया है। नादिया के छह भाइयों की हत्या के बाद उनकी माँ को मार दिया गया और उनके शव कब्रिस्तान में दफ़ना दिए गए। परंतु नादिया ने हिम्मत नहीं हारी। यह संस्मरण, इराक में नादिया के शांतिपूर्ण बचपन से लेकर क्षति और निर्ममता, और फिर जर्मनी में उनके सुरक्षित लौटने तक का प्रेरणादायक सफ़र है। नादिया पर एलेक्जैंड्रिया बॉम्बाख़ ने ऑन हर शोल्डर्स नामक फ़िल्म बनाई है, उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है और वह संयुक्त राष्ट्र के डिग्निटी ऑफ़ सरवाइवर्स ऑफ़ ह्यूमन ट्रैफिकिंग की पहली गुडविल एंबेसेडर भी हैं। इस किताब का सबसे बड़ा संदेश है: साहस और प्रमाण के साथ अपनी बात कहने से दुनिया को बदला जा सकता है।

Laxmi Bahu

by Srimati Gopaldevi

Laxmi Bahu is the Hindi translation work of the Bengali novel Lakhi Bau. It has been written for the womenfolk to follow the steps of Laxmi in the novel. There has been a little bit of change from the Bengali version to make its appeal universal in nature.

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